Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 12:35 AM
खाकी वर्दी की आड़ में कुछ बदनाम अधिकारियों की सांठगांठ से आजकल प्रदेश में गैंगस्टर ....
जालंधर(रविंदर शर्मा): खाकी वर्दी की आड़ में कुछ बदनाम अधिकारियों की सांठगांठ से आजकल प्रदेश में गैंगस्टर अपने खूब पांव पसार रहे हैं। गैंगस्टरों व तस्करों को बर्खास्त इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह की ओर से दी जा रही मदद का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि पुलिस के हाथ ऐसे कई मामलों में सुराग लगे हैं, जिनमें सीधे तौर पर गैंगस्टरों को मदद पहुंचाई गई।
सबसे गंभीर मामला तो यह है कि गैंगस्टरों के हाथ में पहुंचे लाइसैंसी हथियार पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। प्रारंभिक जांच के बाद यह बात सामने आई है कि अधिकांश मामलों में गैंगस्टर को आम्र्स लाइसैंस जारी करते समय पुलिस वैरीफिकेशन ही नहीं की गई। कई मामलों में तो एक-एक नहीं, बल्कि 5-5 आम्र्स लाइसैंस बिना पुलिस वैरीफिकेशन जारी कर दिए गए। ऐसा ही एक मामला भटिंडा पुलिस की ओर से पकड़े गए कुख्यात गैंगस्टर सतनाम सिंह सत्ता के मामले में सामने आया है। सत्ता ने अपना आम्र्स लाइसैंस बिना पुलिस वैरीफिकेशन पांच बार जारी करवा लिया।
इस बात को लेकर आला पुलिस अधिकारी भी हैरान व परेशान हैं कि बिना पुलिस वैरीफिकेशन गैंगस्टरों के हाथ में लाइसैंसी हथियार कैसे पहुंच रहे हैं? सत्ता ने बिना पुलिस वैरीफिकेशन 12 मार्च 2001, 16 मार्च 2004, 31 अक्तूबर 2007, 12 मई 2011 और 30 मई 2013 को आम्र्स लाइसैंस रिन्यू करवा लिया। यही नहीं सत्ता ने अक्तूबर 2008 में बिना वैरीफिकेशन आम्र्स लाइसैंस की डुप्लीकेट कापी भी हासिल कर ली। यही नहीं बिना पुलिस वैरीफिकेशन सत्ता ने अपने आम्र्स लाइसैंस पर 32 बोर का पिस्टल भी चढ़वा लिया।
इससे पहले भी गैंगस्टरों के हाथ में लाइसैंसी हथियार पहुंचने का मामला जब पंजाब केसरी ने प्रमुखता से उठाया था तो डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने जांच के आदेश दिए थे। अब सतनाम सिंह सत्ता का मामला सामने आने के बाद डी.जी.पी. ने सभी आम्र्स लाइसैंस मामले में जांच तेज करने का आदेश दिया है। किस-किस थाना पुलिस ने पूरे मामले में कोताही बरती इसकी भी वैरीफिकेशन की जा रही है और गैंगस्टरों को मदद पहुंचाने वाले कई पुलिस अधिकारियों व मुलाजिमों पर भी जांच बिठाई जा रही है। आने वाले दिनों में खाकी वर्दी की आड़ में छुपी कई काली भेड़ों के चेहरे से नकाब उतरने की संभावना है।