Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 09:38 AM
पंजाब स्टेट फार्मेसी कौंसिल ने राज्य के 3 हजार फार्मासिस्टों की रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। कौंसिल द्वारा रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाए जाने के कारण हजारों नौजवानों का भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है। कौंसिल का कहना है कि रजिस्टे्रशन करवाने वाले...
अमृतसर (दलजीत): पंजाब स्टेट फार्मेसी कौंसिल ने राज्य के 3 हजार फार्मासिस्टों की रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। कौंसिल द्वारा रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाए जाने के कारण हजारों नौजवानों का भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है। कौंसिल का कहना है कि रजिस्टे्रशन करवाने वाले उम्मीदवारों ने गैर मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं के मैडीकल या साइंस विषय के सर्टीफिकेट हासिल किए हैं।
जानकारी के अनुसार मैडीकल शिक्षा तथा खोज विभाग के अधीन चलने वाले पंजाब स्टेट फार्मेसी कौंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त कालेजों से डी.फार्मेसी करके आए उम्मीदवारों की रजिस्ट्रेशन करने का कार्य किया जाता है। कौंसिल द्वारा रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत ही उम्मीदवार फार्मासिस्ट बनता है व वह सेहत सेवाओं का कार्य कर सकता है। सूत्रों के अनुसार फार्मेसी कौंसिल द्वारा डी.फार्मेसी कर चुके 3 हजार के करीब उम्मीदवारों ने गैर मान्यता प्राप्त बोर्डों से 12वीं करके पंजाब के 48 कालेजों से डी.फार्मेसी की है। कौंसिल द्वारा उक्त उम्मीदवारों के कागजात की जांच करने पर पाया गया कि उम्मीदवारों के सर्टीफिकेट मंजूरशुदा नहीं हैं।
12 हजार में से 4 हजार फार्मासिस्टों ने ही करवाई कागजात की जांच
इससे पहले वर्ष 2013 में मैडीकल शिक्षा तथा खोज विभाग के ध्यान में आया था कि पंजाब में रजिस्ट्रर्ड हो चुके हजारों फार्मासिस्ट ऐसे हैं, जिनके 12वीं के सर्टीफिकेट गैर मान्यता प्राप्त बोर्डों के हैं। विभाग ने उक्त उम्मीदवारों के कागजात की जांच करने के सरकारी मैडीकल कालेजों के प्रिंसीपलों को दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें से 4 हजार के करीब उम्मीदवारों ने ही कागजात चैक करवाए बाकी 8 हजार उम्मीदवार जांच में शामिल ही नहीं हुए। वे पंजाब के कई हिस्सों में कार्य कर रहे हैं। कौंसिल के सूत्र बताते हैं कि सरकार के ध्यान में मामला है परन्तु सरकार भी इस संबंध में कार्रवाई करने पर बेबस दिखाई दे रही है।
टैक्नीकल बोर्ड की कारगुजारी भी कटघरे में
रजिस्टे्रशन करने की जिम्मेदारी तो कौंसिल के पास है, परन्तु परीक्षा लेने की जिम्मेवारी पंजाब टैक्नीकल बोर्ड के पास है। टैक्नीकल बोर्ड ने भी उम्मीदवारों के कागजात चैक किए बिना ही परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए। टैक्नीकल बोर्ड की कारगुजारी कटघरे में आ गई है। सरकार यदि उक्त मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए तो टैक्नीकल बोर्ड के कई अधिकारी इसमें शामिल होने का पर्दाफाश हो सकता है।
यह हैं गैर मान्यता प्राप्त बोर्ड
कौंसिल के अनुसार दिल्ली बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन, सैंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन, यूनिवर्स्टी ऑफ टैक्नीकल एजुकेशन एंड साइंस, छत्तीसगढ़ बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन, कौंसिल ऑफ इंटरमीडिएटर एजुकेशन, यू.पी. बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन आदि गैर-मान्यता प्राप्त बोर्ड हैं तथा इसमें सबसे ज्यादा यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नीकल एजुकेशन एंड साइंस से उम्मीदवारों ने 12वीं की परीक्षा पास की है।