Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 02:42 AM
देश में एक तरफ वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी चल रही है, लेकिन उससे पहले भाजपा तथा विपक्षी दलों के लिए एक ऐसा दौर आ रहा है जो मुश्किल भरा हो सकता है। यह वह दौर होगा, जिसमें भाजपा के पास खोने को बहुत कुछ है, लेकिन विपक्ष के लिए पाने के लिए...
जालंधर(पाहवा): देश में एक तरफ वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी चल रही है, लेकिन उससे पहले भाजपा तथा विपक्षी दलों के लिए एक ऐसा दौर आ रहा है जो मुश्किल भरा हो सकता है। यह वह दौर होगा, जिसमें भाजपा के पास खोने को बहुत कुछ है, लेकिन विपक्ष के लिए पाने के लिए बहुत कुछ होगा। यह दौर है 8 लोकसभा सीटों पर उप चुनाव का।
इसमें खास बात यह है कि इन 8 सीटों में से 6 सीटों पर भाजपा पहले ही पावरफुल है। इन 8 सीटों पर उप चुनाव सभी दलों के लिए अहम है क्योंकि विपक्ष इन सीटों को लेकर अर्थव्यवस्था और नोटबंदी से संबंधित मुद्दे उठा सकता है और सत्तापक्ष अपने कार्यकाल का गुणगान कर सकता है। जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है वे बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब तथा पश्चिम बंगाल में पड़ते हैं। बेशक विभिन्न राज्य में इन चुनावों में एक ही लकीर पर चलना केंद्र सरकार के लिए मुश्किल हो सकता है, जिस कारण भाजपा के लिए ये काफी परेशानी भरे चुनाव हो सकते हैं। कारण यह कि इस समय देश में अर्थव्यवस्था को लेकर जी.एस.टी. तथा सरकार की तरफ से की गई नोटबंदी कटघरे में हैं। इस समय में देश में काफी हद तक एक माहौल है जो केंद्र की सरकार की नीतियों के खिलाफ है जिसे कैश करने का काम विपक्ष कर सकता है।
खासकर अर्थव्यवस्था को लेकर भाजपा को नोटबंदी तथा अर्थव्यवस्था के मामले में अपने आप को साबित करना होगा। विपक्षी दल जी.एस.टी. के मामले में भी सरकार को घेर रहे हैं तथा देश में मंदी के दौर पर व्यापारी व उद्योगपति भी सरकार से खुश नहीं हैं। इन 8 लोकसभा सीटों के चुनावों को मिनी लोकसभा चुनाव के तौर पर भी देखा जा रहा है। इनमें पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा सीट पर आज चुनाव होने जा रहा है जिसके परिणाम 15 अक्तूबर को आएंगे। भाजपा सांसद व अभिनेता विनोद खन्ना के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी जहां पर भाजपा ने स्वर्ण सलारिया को टिकट दिया है।
चुनाव आयोग से संबंधित सूत्रों का कहना है कि बाकी की 7 सीटों पर भी चुनावों के लिए तैयारी की जा रही है। जिन सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें राजस्थान के अलवर व अजमेर, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग, बिहार के अररिया व वैस्ट बंगाल के उलूबेरिया शामिल हैं। इसके अतिरिक्त योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर सीट तथा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की फूलपुर सीट भी है। खास बात यह है कि भाजपा राजस्थान में सत्ता में है तथा यहां पर विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होने हैं जबकि उत्तर प्रदेश में इसी वर्ष चुनाव हुए हैं तथा भाजपा को बहुमत मिला है।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा पी.डी.पी. के साथ सत्ता में है जबकि पश्चिम बंगाल में भी चुनावी दंगल काफी मजबूत होने वाला है, क्योंकि यहां पर भी भाजपा सेंध लगाने की तैयारी कर रही है। यह चुनाव उप चुनावों के परिणाम राजनीतिक दलों के लिए काफी अहमियत रखते हैं। खासकर भाजपा के लिए यह करो या मरो वाली स्थिति है, क्योंकि इन चुनावों से ही 2019 का रास्ता साफ होगा। इन 8 लोकसभा सीटों के चुनाव परिणाम के आधार पर ही राजनीतिक दलों का भविष्य काफी हद तक तैयार होगा।