योजना के तहत 3 वर्ष से नहीं मिले फंड, स्वास्थ्य मंत्री योजना से अनभिज्ञ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 10:03 AM

fund not received for 3 years under plan

पंजाब सरकार द्वारा लिंगानुपात सुधारने के लिए शुरू की गई बालड़ी रक्षक योजना दम तोड़ गई है। योजना के तहत प्रति बालिका प्रतिमाह मिलने वाली 500 रुपए की राशि पिछले 3 वर्ष से लाभपात्रियों को नहीं मिली है। हैरानी की बात है कि 2005 में कांग्रेस सरकार द्वारा...

अमृतसर (दलजीत) : पंजाब सरकार द्वारा लिंगानुपात सुधारने के लिए शुरू की गई बालड़ी रक्षक योजना दम तोड़ गई है। योजना के तहत प्रति बालिका प्रतिमाह मिलने वाली 500 रुपए की राशि पिछले 3 वर्ष से लाभपात्रियों को नहीं मिली है। हैरानी की बात है कि 2005 में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के बारे अब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा योजना से अनभिज्ञ हैं। जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2005 से राज्य में बालड़ी रक्षक योजना शुरू की गई थी।

योजना के तहत बच्ची या बच्चियों की आयु 18 वर्ष की होने तक हर महीने 500 रुपए दिए जाने का प्रावधान रखा गया था। योजना के तहत 500 के करीब बच्चियों को चुना गया तथा इसका लाभ दिया जाने लगा। योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में लिंगानुपात को ठीक करना, लड़कियों के जन्म को उत्साहित करने तथा बढ़ रही जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए योग्य दम्पतियों को पक्के तौर पर परिवार नियोजन के लिए प्रेरित करना था। सरकार की यह योजना कुछ ही समय बाद दम तोडऩे लगी है।

सरकार ने नहीं दिखाई योजना के प्रति गंभीरता
गठबंधन सरकार ने भी 2007 से योजना को चालू रखने संबंधी कभी गंभीरता नहीं दिखाई। 500 परिवारों के अलावा अन्य परिवारों को लाभ देने के लिए योजना में कोई प्रावधान नहीं किया गया। गठबंधन सरकार ने न तो योजना के तहत पैसे लाभपात्रियों को मिलने या योजना बंद होने संबंधी कोई भी कार्य गंभीरता से नहीं किया गया।

लिंगानुपात सुधार में योजना थी महत्वपूर्ण
लिंगानुपात सुधार में योजना का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जब योजना शुरू हुई तो लोगों ने उत्साहित होकर योजना का लाभ लेने के लिए परिवार नियोजन के पक्के उपाय कर लिए। योजना के तहत परिवार में 2 लड़कियों के जन्म के बाद अभिभावकों द्वारा उनके नाम का अकाऊंट खुलवाने के बाद 18 वर्ष तक दोनों लड़कियों के खाते में 500-500 रुपए सरकार द्वारा डालने का प्रावधान था। आशा वर्कर को भी मिलती थी राशि योजना में महत्वपूर्ण भूमिका गांव या शहर की आशा वर्कर की थी।

सरकार द्वारा निर्देश दिए गए थे कि जो भी आशा वर्कर उक्त योजना के तहत परिवार नियोजन के लिए महिलाओं को मोटीवेट करके रजिस्टर्ड करवाएगा, उसको प्रति केस के हिसाब से 500 रुपए दिए जाएंगे। पंजाब में अभी भी कई आशा वर्कर ऐसी हैं जिनके उक्त योजना के तहत हजारों रुपए सरकार की ओर निकलते हैं। 

केन्द्र की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भी हो रही प्रभावित 
पंजाब सरकार की नालायकी से राज्य में केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भी प्रभावित हो रही है। बालड़ी रक्षक योजना का लाभ बच्चियों को न मिलने से अब पंजाब वासियों का केन्द्र की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से भी मोह भंग हो रहा है। लोगों का कहना है कि राज्य सरकार की योजना का लाभ तो मिल नहीं रहा, केन्द्र की योजना का लाभ क्या मिलेगा?

स्वास्थ्य मंत्री भी योजना से अनभिज्ञ
स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा योजना से अनभिज्ञ हैं जबकि 2005 में कांग्रेस सरकार द्वारा ही उपरोक्त योजना शुरू की गई थी। स्वास्थ्य मंत्री से जब ‘पंजाब केसरी’ ने इस संंबंधी बात की तो उन्होंने पूछा कि यह योजना किस विभाग की है? बताने पर उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इसकी समीक्षा करके योजना को दोबारा शुरू करवाएंगे।

योजना कब शुरू होगी, नहीं पता : डायरैक्टर
परिवार भलाई विभाग के डायरैक्टर धर्मपाल सिंह इस संबंधी जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि योजना दोबारा शुरू हुुई है कि नहीं इस संबंधी उन्हें मालूम नहीं है। वह पिछले कुछ दिनों से छुट्टी पर हैं। मंगलवार को कार्यालय जाकर ही स्थिति को स्पष्ट कर सकते हैं। 

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