Edited By Updated: 17 Jan, 2017 08:14 AM
खून के रिश्ते (ब्लड रिलेशन) में प्रदेश सरकार द्वारा दी गई अष्टाम-ड्यूटी की छूट का अनुचित लाभ लेते उठाते जालंधर में लगभग 1000 से
जालंधर (अमित): खून के रिश्ते (ब्लड रिलेशन) में प्रदेश सरकार द्वारा दी गई अष्टाम-ड्यूटी की छूट का अनुचित लाभ लेते उठाते जालंधर में लगभग 1000 से ऊपर रजिस्ट्रियों में नियमों के खिलाफ जाकर पावर आफ अटार्नी से मलकीयत तबदील की गई हैं जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का रैवेन्यू लॉस हुआ है। तहसील के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले काफी लंबे समय से अंदर ही अंदर इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। लगातार हो रही ऐसी गलत रजिस्ट्रियों के कारण सरकार को मोटे राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। वैसे तो आए दिन तहसील में किसी न किसी जालसाजी और धोखाधड़ी के किस्से सुनने को मिलते रहते हैं। पिछले कुछ समय के दौरान जाली रजिस्ट्री, मुर्दा व्यक्ति की जगह किसी अन्य को खड़ा करके रजिस्ट्री करवाने, पैसे लेकर गत काम करने जैसे असंख्य मामले सामने आ चुके हैं, मगर कुछ लालची व स्वार्थी किस्म के लोगों की वजह से सरकार के राजस्व की चोरी की जा रही है। इस पूरे काम को तकनीकी मामला बताकर अपना पल्ला झाडऩे की कोशिश भी की जा रही है। वैसे जब तक इसकी गहन जांच न की जाए सही आंकड़ों के संबंध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता, मगर इतना तय है कि सरकार को काफी मोटे रैवेन्यू का नुक्सान अवश्य हुआ है।
क्या है मामला, कैसे हो रहा है
सरकार के राजस्व का नुक्सान ‘पंजाब केसरी’ द्वारा हाल ही में ऐसे ही एक मामले को उजागर करने के बाद यह बात सामने आई है कि वह तो केवल एक मामला था, जिसके बारे में शोर पड़ा और बात बाहर निकल आई, मगर सूत्रों की मानें तो मौजूदा समय में जालंधर में काफी बड़े स्तर पर उक्त काम को अंजाम दिया जा रहा है। लाखों रुपए की अष्टाम ड्यूटी बचाने के लिए तबदील मलकीयत नाम की सुविधा का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है, मगर इसके लिए सरकार द्वारा तय सारे माप-दंडों को बिल्कुल अनदेखा किया जा रहा है क्योंकि पावर आफ अटार्नी होल्डर के पास तबदील मलकीयत करवाने का कोई अधिकार ही प्राप्त नहीं है। इतना ही नहीं, अपने चचेरे और मौसेरे भाई-बहनों को भी अपना भाई-बहन बताकर उक्त सुविधा का लाभ उठाया जा रहा है जबकि कानून इसकी कतई इजाजत नहीं देता। इसके अलावा जायदाद के असली मालिक की जगह अटार्नी होल्डर के ब्लड-रिलेशन में तबदील मलकीयत करके अष्टाम-ड्यूटी की छूट गलत तरीके से प्राप्त की जा रही है।