30 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामलाः अकाली नेता पर केस दर्ज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 03:01 PM

fraud case or 30 lakhs

शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल दौरान सत्ता में रहे एक अकाली नेता पर मंडी गोबिंदगढ़ पुलिस ने 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला उसी के अकाली साथियों के पारिवारिक मैंबरों की शिकायत पर दर्ज किया है।

मंडी गोबिंदगढ़(स.ह.): शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल दौरान सत्ता में रहे एक अकाली नेता पर मंडी गोबिंदगढ़ पुलिस ने 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला उसी के अकाली साथियों के पारिवारिक मैंबरों की शिकायत पर दर्ज किया है। 

क्या है मामला
शिकायतकर्ता केसरी प्रसाद निवासी गुरु की नगरी और शीला देवी पत्नी राम विलास निवासी मंडी गोबिंदगढ़ ने बताया कि उन्होंने एस.एस.पी. फतेहगढ़ साहिब को एक शिकायत (नंबर 1480 पेशी तिथि 16 मई 2017) भेजी थी कि उक्त अकाली नेता लोहे की स्क्रैप और स्टील की ट्रेडिंग का काम करता है। उसने कुछ साल पहले उनको व्यापार में हिस्सेदार बनाने की पेशकश की, जिस पर उन्होंने अकाली नेता को इतनी बड़ी राशि अपनी पहुंच से दूर होने की बात कही। बाद में नेता ने उनके रिहायशी मकान की रजिस्ट्री पर बैंक से लोन का बंदोबस्त करवा देने की बात कही तथा अप्रैल 2016 में उसने पंजाब एंड सिंध बैंक मंडी गोबिंदगढ़ से केसरी प्रसाद से कुछ कागजात पर दस्तखत करवाकर व शीला देवी से कागजात पर अंगूठे लगवा 30 लाख रुपए का लोन ले लिया।

इसके बाद नेता ने एक रोलिंग मिल लीज पर लेकर फोकल प्वाइंट में पंजाब एग्रो मिल्ज के नाम पर कारोबार शुरू कर दिया। उन्होंने जब अकाली नेता से लोन बैंक को वापस करने संबंधी पूछा तो वह टाल-मटोल करता रहा और उनको मिल में हिस्सेदार बनाने की बात भी कहता रहा। केसरी प्रसाद ने बताया कि अकाली नेता ने उनकी प्रापर्टी को बैंक में पल्ज करवा 30 लाख रुपयों की अपनी फर्म के नाम लिमिट बनवा ली। इसकी जानकारी उनको बैंक सेमिले दस्तावेजों से मिली कि नेता ने अपनी फर्म में उनके मकानों की रजिस्ट्रियां पल्ज करवा कर लोन लिया है।

शिकायतकर्ताओं ने अपने बयानों में बताया कि उक्त मामले बारे नेता ने कई लोगों के सामने 19 फरवरी 2016 को बीते वर्ष एक एफीडेविट भी लिख कर दिया जिसमें तिथि 31 अक्तूबर 2016 तक उनकी जमीन की रजिस्ट्री वापस दिलाने व बैंक का सारा कर्ज जल्द चुकता करने का भरोसा दिया था। 

क्या की पुलिस ने कार्रवाई
जिला पुलिस प्रमुख ने केसरी प्रसाद व शीला देवी की शिकायत की जांच का जिम्मा डी.एस.पी. अमलोह मनप्रीत सिंह पी.पी.एस. को सौंपा। इस दौरान डी.एस.पी. मनप्रीत सिंह ने दोनों पक्षों को जांच में शामिल करके इस मामले बारे दोनों के बयान आदि दर्ज किए व अपनी जांच पूरी होने पर उन्होंने इसकी रिपोर्ट जिला पुलिस प्रमुख को भेज दी। सहायक थानेदार ने कथित आरोपी नेता को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास आरम्भ कर दिए हैं। 

क्या कहते हैं अकाली नेता
उधर जब इस मामले संबंधी कथित आरोपी अकाली नेता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह लोहे का कारोबार करते हैं तथा केसरी प्रसाद व शीला देवी के बेटे डा. राकेश व गौतम कुमार उनके साथ हिस्सेदार थे। उन्होंने शिकायतकर्ता केसरी प्रसाद व शीला देवी की सलाह के साथ ही उन्हें अपने साथ हिस्सेदार बना कर रोलिंग मिल का कार्य शुरू किया था।

गत करीब 2-3 साल पहले लोहा कारोबार में कुछ घाटा पड़ा था जिससे सारी औद्योगिक इकाइयों का काम रुक गया था। बैंक के पास उनकी भी प्रापर्टी के कागजात पड़े हैं। मेरी बैंक के पैसे रखने या केसरी प्रसाद व शीला देवी की जायदाद हड़पने की कोई मंशा नहीं है। इसीलिए इनके साथ समझौता करके उन्होंने बैंक को करीब 5 लाख रुपए जमा भी करवा दिए हैं जबकि बैंक से उन्हें 12 महीनों का समय मिला है। अगले कुछ दिनों में वह यह मामला निपटा लेंगे।
 

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