डॉलरों की चमक से ठगी का शिकार हो रहे बेरोजगार युवा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 10:14 AM

fraud case

डॉलरों की चमक व विदेश जाने के इच्छुक युवा कबूतरबाजों के हाथों ठगी का लगातार शिकार हो रहे हैं। लाखों रुपए खर्च कर भी उनके मन्सूबे पूरे नहीं हो रहे व युवक ट्रैवल एजैंटों के हाथों ठगी का शिकार होकर विदेशी जंगलों में भटकने को मजबूर हैं। फर्जी विदेशी...

बठिंडा(विजय/आजाद): डॉलरों की चमक व विदेश जाने के इच्छुक युवा कबूतरबाजों के हाथों ठगी का लगातार शिकार हो रहे हैं। लाखों रुपए खर्च कर भी उनके मन्सूबे पूरे नहीं हो रहे व युवक ट्रैवल एजैंटों के हाथों ठगी का शिकार होकर विदेशी जंगलों में भटकने को मजबूर हैं। फर्जी विदेशी कम्पनियों से मिलीभक्त कर ट्रैवल एजैंट स्टूडैंट वीजा के साथ विदेशी कम्पनियों में काम करने वाले कारीगरों व मजदूरों की जरूरत के नाम पर भोले भाले लोगों को ठग रहे हैं। डॉलरों की चमक दिखाकर इन भोले-भाले लोगों को अपनी जमीन, जायदादों तक को बेचने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। उनकी नींद तब खुलती है जब उन्हें समंदर में या जंगलों में छोड़ दिया जाता है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें विदेशी धरती पर दर-दर भटकते भारतीय लोग घास खाकर ही गुजारा करते थे। कुछ मामलों में तो लोग भूख, प्यास से अपनी जान तक भी गंवा चुके हैं। बावजूद इसके ठगी का शिकार होने वालों में कोई कमी नहीं आई।


पंजाब में क्या है ट्रैवल एजैंटोंं की स्थिति 
आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जालंधर में कुल 6000 ट्रैवल एजैंटोंं में से केवल 240 ही पंजीकृत हुए जबकि 250 मामले दर्ज हैं व 50 एजैंट गिरफ्तार हो चुके हैं। नवांशहर में कुल 200 ट्रैवल एजैंटों में 64 पंजीकृत हैं, 29 मामले दर्ज हंै व 2& गिरफ्तार हो चुके हैं। होशियारपुर में 150 ट्रैवल एजैंटोंं में &2 पंजीकृत हैं, 77 मामले दर्ज हंै और 22 गिरफ्तार हो चुके हैं। गुरदासपुर में 122 ट्रैवल एजैंट, &0 पंजीकृत हैं  जबकि 27 मामले दर्ज हैं। बङ्क्षठडा में 1&0 ट्रैवल एजैंट हैं जिनमें से 18 पंजीकृत हैं। ऐसे ही पठानकोट, मानसा, फरीदकोट, मुक्तसर, फाजिल्का, संगरूर, पटियाला, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब की स्थिति है जहां ट्रैवल एजैंटोंं की भरमार है लेकिन मामले नामात्र दर्ज हैं। ये ट्रैवल एजैंट 10 लाख से लेकर 40 लाख रुपए तक हड़प जाते हैं। अदालत व पुलिस के पास शिकायत करने के बावजूद भी कुछ हाथ नहीं लगता।

दलालों के जरिए चलता है धंधा
ट्रैवल एजैंटोंं के नाम पर कई ऐसे बड़े मगरमच्छ हैं जिन्हें सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण प्राप्त होता है और वे मानव तस्करी का काम भी करते हैं, कानून को ठेंगा दिखाकर अपनी तिजौरियां भर रहे हैं। इन ट्रैवल एजैंटोंं ने अपने कई दलाल शहरों व कस्बों में छोड़ रखे हैं जिन्हें लालच देकर विदेश जाने के इच्छुक लोगों को अपने जाल में फं साकर उनसे खूब मोटी रकम ऐंठते हैं। यहां तक कि कुछ ऐसे लोगों को भी फंसते देखा है जिन्हें विदेशी लड़की से शादी का झांसा दिया जाता है। यही दलाल उनके पासपोर्ट से लेकर सभी दस्तावेज बनाने का काम करते हंै। यहां तक कि वीजा भी लगवाने में सफल हो जाते हैं। सूचना तकनीकी प्रौद्योगिकी के चलते सब कुछ ऑनलाइन कर दिया गया है, फिर भी लोग इसका फायदा उठाने से वंचित रह जाते हंै व दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं। 

कबूतरबाजों के चंगुल में फंसे लोगों की व्यथा
 आमतौर पर ट्रैवल एजैंट 10 में से 5 लोगों को फर्जी दस्तावेज के सहारे विदेश भेज देते हैं जिसके कुछ मामले भी प्रकाश में आए। अधिकतर लोग सऊदी अरब में फंसे हैं जिनमें से विदेश मंत्रालय के सहयोग से 20 लोगों को सऊदी अरब से सुरक्षित वापस लाया जा चुका है। नवांशहर के गांव गढ़ी फतेह खान की गुरबख्श कौर व उसकी बेटी रीना को गलत तरीके से विदेश भेजने का मामला सामने आया था। ये दोनों मां-बेटी वापस आ गईं। इसके अलावा 4 वर्ष पहले सऊदी अरब गया मल्लपुर का युवक ओंकार सिंह अभी भी सऊदी अरब में फंसा हुआ है। जिला होशियारपुर के 4 लोग विदेशी धरती पर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं जिनमें 2 लोग बहामास और 2 पनामा में हैं। इसी तरह गांव परीका का सर्वजीत सिंह व अब्दुलापुर का इंद्रजीत बहामास में लापता हैं। गांव बोदल कोटली की लड़की भी सऊदी अरब में फंसी थी जो विदेश मंत्रालय की पहल से वापस लौट आई है। गुरदासपुर के & लोग ईराक में फंस गए जिनका कोई सुराग नहीं मिल रहा। बठिंडा के गांव मौड़ मंडी से & युवकों को ट्रैवल एजैंटोंं ने विदेश भेजा था। 2 महीने भटकने के बाद बड़ी मुश्किल से वह वतन लौटे। मौड़ मंडी के गांव रामनगर का युवक जगजीत सिंह कबूतरबाजी का शिकार होकर मलेशिया गया था लेकिन मानसिक संतुलन खोकर वापस लौटा। बठिंडा के गौरव वर्मा ने बताया कि उससे लाखों रुपए लेकर बाहर भेजने का झांसा दिया गया जबकि उसने आइलैट्स भी कर रखी है परन्तु एक फर्जी ट्रैवल एजैंट ने उससे ठगी की। पहले तो उसने पैसे लौटाने से मना कर दिया लेकिन जब उस पर दबाव बनाया गया तो उसने चैक बनाकर दे दिए। ऐसे कई और लोग भी है जो इन ट्रैवल एजैंटोंं का शिकार बन चुके हैं जिनकी शिकायतें पुलिस के आर्थिक विंग के पास लंबित पड़ी हुई हैं। 

किसी काम नहीं आ रहा कबूतरबाजी रोधक कानून  
पंजाब सरकार द्वारा बनाए गए कानून व एक्ट विदेश जाने के सपने देखने वाले लोगों को इनके जाल में फंसने से नहीं बचा पा रहे। सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के बावजूद 5 वर्षों में ट्रैवल एजैंटों के पंजीकरण को लाजिमी नहीं बनाया जा सका है। पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में पंजाब ट्रैवल प्रोफैशनल रैगुलेशन एक्ट 2012 बनाकर खानापूर्ति कर दी थी। इसके बाद 2017 में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने बीते 8 महीनों में फर्जी ट्रैवल एजैंटों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन रा’य में एक बार फिर से फर्जी ट्रैवल एजैंटों का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है और नौजवान इनके मक्कडज़ाल में फंस रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जालंधर में सबसे अधिक ट्रैवल एजैंट है। इनका मक्कडज़ाल दूर-दूर तक फैला हुआ है। &0 जून, 2015 तक पंजीकरण की अंतिम तारीख दी गई थी जिसमें ट्रैवल एजैंटोंं ने कोई खास रुचि नहीं दिखाई। अंतिम दिन तक केवल &79 टै्रवल एजैंटोंं ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। सरकार की लापरवाही के चलते इस एक्ट को न्यायालय में चैलेंज कर दिया था। यह मामला अभी तक लंबित पड़ा हुआ है। 8 महीने की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र के बावजूद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। 

ऐसे बनाते हैं ठगी का शिकार
एजैंट एक साथ एक ही गांव के 30-40 लोगों को एक साथ भेजने के लिए तैयार करवाते हैं। उसके बाद इन लोगों में से एक-दो को भेजकर पहले लोगों को भरोसा दिलाते हैं। इस भरोसे के आधार पर 100 लोगों से पैसा वसूल कर लेते हैं। फर्जी ट्रैवल एजैंट पहले ग्राहक से किस देश में जाना है उसकी जानकारी लेते हैं। फिर वहां पर जाकर संबंधित की योग्यता अनुसार क्या-क्या काम कर सकता है आदि जानकारी देकर उसे अपने जाल में फंसाते हैं। फर्जी ट्रैवल एजैंट पहले ग्राहकों को दो-तीन छोटे-छोटे देशों में भेजकर हजारों रुपए की कमाई कर लेते हैं। इसका लाभ एजैंटों को तब मिलता है जब आप किसी बड़े देश में जाते हैं। एजैंट विदेश में अपने दलालों के संपर्क नंबर देकर ग्राहकों को भेज देते हैं। विदेश पहुंचते ही ट्रैवल एजैंटों के दलाल ग्राहकों को अपने साथ कर लेते हैं। इसके बाद उन्हें नौकरी दिलवाने के नाम पर उनके साथ मोटी ठगी की जाती है।

बेरोजगारी की वजह से बढ़ रहा है कारोबार 
90 के दशक के भूमंडलीकरण के नाम पर नई आॢथक नीति और तकनीक पर बढ़ती लोगों की निर्भरता ने अमीर वर्ग को और अमीर बनाया है। वहीं गरीब को और गरीब बना दिया है। नए अवसर की तलाश में लोग विदेशों की तरफ रुख करते हैं लेकिन विदेश जाने के जटिल नियम होने की वजह से अधिकांश लोगों के विदेश जाने के सपने पर विराम चिन्ह लग जाता है। ऐसे में वे गलत तरीके से विदेश जाने का तरीका अपनाने पर मजबूर होते हैं। इस कारण एक बेरोजगार कबूतरबाज के जाल में फंस जाता है। पंजाब में किसानी के कारोबार में आए दिन घाटा हो रहा है। जिस कारण किसान परिवार के नौजवान खेती के  काम में अपना करियर नहीं देखते। वे ऐसा काम करना चाहते हैं जिससे जल्द से जल्द पैसा कमाया जा सके। 

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