Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 01:08 PM
पूर्व अकाली भाजपा सरकार दौरान लगाए गए हलका इंचार्जों ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए जनता को खूब ठगा, किसी को नौकरी का झांसा तो किसी को ठेका देने के नाम पर करोड़ों ठगे।
बठिंडा (विजय): पूर्व अकाली भाजपा सरकार दौरान लगाए गए हलका इंचार्जों ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए जनता को खूब ठगा, किसी को नौकरी का झांसा तो किसी को ठेका देने के नाम पर करोड़ों ठगे। थाना रामां पुलिस ने शराब ठेकेदार व एक अन्य व्यक्ति की शिकायत पर पूर्व हलका इंचार्ज व विधायक रहे गिद्दड़बाहा निवासी संत सिंह बराड़ व उसके बेटे कुलजीत सिंह मौंटी बराड़ व पुत्रवधू जसविंद्र कौर के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है। गिद्दड़बाहा से विधान सभा का चुनाव संत सिंह बराड़ ने आजाद चुनाव लड़ा और जीतने के बाद 2015 में वह शिअद में शामिल हो गए।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के चहेतों में शामिल संत सिंह बराड़ को गिद्दड़बाहा का हलका इंचार्ज लगा दिया गया। सत्ता की धौंस दिखा कर संत सिंह बराड़ ने अपने खूब हाथ रंगे जबकि उसका साथ उसके बेटे व पुत्रवधू ने दिया। शराब के कारोबारी कृष्ण कुमार व जीत कुमार निवासी रामां मंडी ने संत सिंह बराड़ के सुखबीर बादल की नजदीकियों के चलते शराब के ठेके लेने के लिए उनसे बात की तो उन्होंने गिद्दड़बाहा और मुक्तसर के ठेके दिलवाने के नाम पर 3 करोड़ 42 लाख रुपए विभिन्न किस्तों में जमा करवा लिए। बराड़ ने यह पैसे अपने पुत्र, पुत्रवधू व अन्य के बैंक खाते में डलवाए।
शराब के ठेके तो उन्हें मिले नहीं उल्टा लगभग साढ़े 3 करोड़ की रकम भी फंस गई। ठेकेदारों ने जब पैसे मांगें तो उन्होंने पैसे लौटाने से मना कर दिया लेकिन मौंटी बराड़ ने केवल 1 लाख रुपए देकर बाकी रुपए देने से मना कर दिया। यह मामला ऊपर तक पहुंचा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर ठेकेदार कृष्ण कुमार, व्यापारी जीत कुमार ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई कि पुलिस ने इस मामले को आर्थिक आपराधिक विंग के पास भेज दिया। पड़ताल के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं तहत संत सिंह बराड़ व उसके पुत्र कुलजीत सिंह उर्फ मौंटी बराड़ पुत्रबधू जसविंद्र कौर के खिलाफ रामां थाने में मामला दर्ज कर लिया।
एक अन्य मामले में पुलिस में इंस्पैक्टर की भर्ती करवाने के नाम पर भी संत बराड़ ने सुखबीर का नजदीकी बता कर अपने चहेते से 29 लाख रुपए हड़प लिए। 2015 के हलका तलवंडी के चुनाव दौरान संत बराड़ व उसके बेटे कुलजीत बराड़ की ड्यूटी अकाली दल की ओर से लगाई गई थी। दोनों का अकाली समर्थक जसकरन सिंह के घर आना-जाना शुरू हुआ इसी दौरान संत बराड़ ने जसकरन सिंह से कहा कि वह उसके पोते को पुलिस में इंस्पैक्टर भर्ती करवा देगा जिसके लिए उसे 30 लाख रुपए खर्ज करने पड़ेंगे।
पुलिस इंस्पैक्टर की चाहत लिए जसकरन सिंह ने हरियाणा में अपनी जमीन गिरवी रख कर 15 लाख का चैक संत बराड़ को सौंप दिया। 8 अप्रैल, 2016 को 12 लाख रुपए नकद दिए। 2 लाख रुपए उन्होंने बाद में फिर ऐंठ लिए और कहा कि उसके पोते सुखजिंद्र को जल्द ही इंस्पैक्टर भर्ती करवा देंगे। जब इंस्पैक्टर की भर्ती नहीं हुई तो 2017 के चुनाव सिर पर आ गए तो जसकरन ने अपने पैसे वापस मांगें तो दोनों बाप-बेटों ने आनाकानी की।
पैसे न मिलने की सूरत में जसकरन ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई, जिसकी जांच आर्थिक आपराधिक विंग में चल रही है जबकि संत सिंह बराड़ व उसके बेटे कुलजीत उर्फ मौंटी पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं तहत मामला दर्ज कर लिया। ई.ओ. विंग के प्रभारी ने बताया कि संत बराड़ कभी भी पुलिस जांच में शामिल नहीं हुए जबकि मौंटी बराड़ आया जरूर लेकिन सहयोग नहीं दिया। पुलिस ने अब दोनों बाप-बेटों पर शिकंजा कसते हुए जांच में शामिल होने के लिए कहा। रामां पुलिस के जांच अधिकारी हरबंस सिंह ने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई जबकि आर्थिक आपराधिक विंग उसकी जांच में जुटा हुआ है अगर सहयोग न मिला तो गिरफ्तारी संभव है।