Edited By Updated: 30 Mar, 2017 04:28 PM
जिले के धारीवाल (पंजाब) निवासी तेजेंद्र सिंह और अमृतसर के सुरजीत सिंह को थाइलैंड में बंधक बनाकर कबूतरबाजों ने 32 लाख रुपए ठग लिए। वाट्सअप पर हुई कनाडा भेजने की डील में युवकों को बुरी तरह टार्चर किया गया।
गुरदासपुरः जिले के धारीवाल (पंजाब) निवासी तेजेंद्र सिंह और अमृतसर के सुरजीत सिंह को थाइलैंड में बंधक बनाकर कबूतरबाजों ने 32 लाख रुपए ठग लिए। वाट्सअप पर हुई कनाडा भेजने की डील में युवकों को बुरी तरह टार्चर किया गया।
धमकी के बाद सहमें युवकों ने फोन पर अपने परिजनों को झूठ बोला कि वे सही सलामत कनाडा पहुंच गए हैं। परिजनों ने अंबाला शहर जंडली स्थित होटल में आए ऑल्टो सवार एजैंटों को डालरों में राशि थमा दी। युवकों को बैंकाक से फ्लाइट में बिठाकर कोलकाता भिजवा दिया गया। पीड़ित अपने घर लौट पाए और एस.पी. अभिषेक जोरवाल को शिकायत की। बलदेव नगर पुलिस ने 27 मार्च को मामला दर्ज कर लिया। मामले की जांच सी.आई.ए. कर रही है।
जमींदार गुरजीत सिंह के मुताबिक धालीवाल के पॉलिटेक्निक कालेज से मैकेनिकल डिप्लोमा होल्डर बेटे तेजेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि वाट्सएप पर उसके जानकार उसे वर्क परमिट पर दो साल के लिए कनाडा या आस्ट्रेलिया भेजना चाहते हैं। पूरे पैसे का भुगतान विदेश भेजने के बाद करना है।
दूसरे युवक सही ढंग व तहजीब से बात कर रहा था, इसलिए बिना किसी शंका के उन्होंने हामी भर दी। इसी प्रकार व्हाट्सअप पर ही फ्लाइट की टिकट आ गई। उसके बाद तेजेंद्र बिना किसी को बताए पंजाब से दिल्ली-कोलकाता होते हुए थाइलैंड पहुंच गया। फोन पर गुरजीत सिंह को बताया गया कि 1 बजकर 5 मिनट पर वहां से कनाडा के लिए जाने वाले फ्लाइट में उनके बेटे को रवाना कर दिया जाएगा।
अपने स्तर पर पता लगाया तो बताए गए समय पर कनाडा के लिए फ्लाइट थी। उसके बाद आए फोन पर कनाडा कंपनी का नाम बताया गया, जहां तेजेंद्र को वर्क परमिट पर नौकरी लगवानी थी। कनाडा में रहने वाले रिश्तेदारों से पूछा तो फोन नंबर व कंपनी भी सही पाई गई। उसके बाद सबकुछ सही मानकर अंबाला शहर के होटल में पहली बार 7-7 और दूसरी बार में 9-9 लाख रुपए मूल्य के डालर दे दिए। ये युवक लंबे कद, गोरे चेहरे व सभ्रांत परिवारों के थे। वे उन्हें बच्चों के कुशलक्षेम के बारे में बताते रहे लेकिन उस दौरान बात नहीं करवाई, टालते रहे। कुछ मिनट बाद पैसे लेकर चले गए। अब तक के घटनाक्रम में उन्हें मामूली सा भी शक नहीं हुआ कि वे जालसाजी के शिकार हो रहे हैं। करीब तीन दिन बाद कोलकाता से तेजेंद्र ने फोन पर आपबीती सुनाई।
तेजेंद्र के मुताबिक व्हाट्सअप पर मैसेज करने वाले से जब उन्होंने फोन नंबर मिलने का सूत्र पूछा तो उसने फेसबुक का हवाला दिया। आरोपियों के अनुसार सुरजीत भी उनके साथ गया। थाइलैंड में दो-तीन दिन एक होटल में रखा गया। एक व्यक्ति से यह कहते हुए मिलाया गया कि वे उनके फिंगर प्रिंट चैक करवाएगा ताकि सही वीजा लग सके। एक बार वह व्यक्ति उन्हें अपने साथ ले भी गया। उसके बाद एक घर के कमरे में ले आए। वहां आए 5-7 लोगों ने कमरा बंद कर लिया। उनका सामान पर्स छीन लिया। उन्हें बुरी तरह पीटा गया। उसके बाद मुंह में डंडा डालकर पानी डालकर टार्चर किया गया। उनकी नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। भय दिखाकर परिवार को फोन करवाया कि वे सही सलामत-पहुंच गए हैं। दो फोन बताए गए, उनसे संपर्क करने वालों को भुगतान के लिए कहा। उसके बाद तेजेंद्र व सहयोगी को एक कार में बिठाकर बैंकाक भिजवाया गया। वहां पता चला कि उनके नाम से कोलकाता की टिकट बुक है। करीब तीस साल के तमाम आरोपी भारतीय है तथा हिंदी भाषा जानते हैं।
जांच अधिकारी एस.आई गुलजार सिंह के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से युवकों को थाइलैंड में बंधक बनाने की बात कही गई है, आरोपियों की जल्द पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।