Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 01:53 PM
पंजाब विधानसभा के पहले बजट सत्र में अकाली दल के अध्यक्ष....
चंडीगढ़(पराशर): पंजाब विधानसभा के पहले बजट सत्र में अकाली दल के अध्यक्ष तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा निभाई गई भूमिका को लेकर अकाली-भाजपा गठबंधन विधायक फूले नहीं समा रहे।
उनका कहना है कि सैशन के दौरान सुखबीर ने कुछ ऐसी शतरंजी बिसात बिछाई कि जहां एक ओर आम आदमी पार्टी के नौसिखिए विधायक उनके जाल में फंस गए वहीं दूसरी ओर अमरेंद्र सरकार भी कांग्रेस तथा स्पीकर राणा के.पी. सिंह के विपक्ष के प्रति रवैये को लेकर बैकफुट पर आ गई। इस शोरगुल के बीच अकाली दल विशेषत: खुद सुखबीर, बिक्रम सिंह मजीठिया तथा बादल परिवार शराब माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया, रेत माफिया, केबल माफिया आदि मुद्दों पर कांग्रेस तथा ‘आप’ द्वारा किए जाने वाले राजनीतिक हमलों से साफ बच निकले।
सुखबीर की चालाकी: ‘आप’ विधायकों के कंधे पर रखकर चलाई बंदूक
स्पीकर द्वारा ‘आप’ विधायकों को सदन की बैठक से निलंबित करने के पश्चात सुखबीर खुद हाऊस से बाहर जाकर उन्हें बड़ी चालाकी से यह कहकर वापस बुला लाए कि स्पीकर द्वारा उन्हें सस्पैंड किए जाने का कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया। ‘आप’ विधायकों के पुन: सदन में आते ही स्पीकर ने मार्शलों के जरिए उन्हें सदन से बाहर करने के आदेश दे दिए। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में एक विधायक की पगड़ी उतर गई तथा कुछ महिला ‘आप’ विधायकों के दुपट्टे अस्त-व्यस्त हो गए। इसी बात को लेकर सुखबीर ने इसे सिख पहचान तथा सभ्याचार पर हमला बताकर एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया जिसके जरिए ‘आप’ विधायक उनके साथ जुड़ गए तथा अमरेंद्र सरकार एक और मुद्दे पर बैकफुट पर आ गई। इतना ही नहीं, धक्का-मुक्की में जख्मी हुए ‘आप’ विधायक पिरमल सिंह का हालचाल पूछने तथा उनकी पगड़ी उन्हें वापस करने हेतु एच.एस. फूलका, अमन अरोड़ा तथा कंवर संधू सुखबीर की गाड़ी में बैठकर ही सैक्टर-16 के अस्पताल में गए।
करोड़ों की पब्लिसिटी मुफ्त में मिली: सुखबीर बादल
राजनीतिक घटनाक्रम में इस नए मोड़ पर अकाली विशेषत: सुखबीर खुद अत्यंत खुश हैं। सुखबीर ने तो यहां तक कह दिया कि बजट सत्र के दौरान उन्हें जितनी पॉजीटिव पब्लिसिटी मिली है उतनी 3-4 करोड़ रुपए खर्च कर भी नहीं मिल सकती थी। इसके लिए वह ‘आप’ नेताओं का धन्यवाद करते हैं।
शुरूआती दिनों में सदन से गायब सुखबीर-मजीठिया
फलस्वरूप सत्र के पहले 1-2 दिन सुखबीर तथा मजीठिया सदन से गायब रहे। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तो सैशन में आए ही नहीं लेकिन ज्यों-ज्यों बजट सत्र आगे बढ़ा त्यों-त्यों अकालियों में आत्मविश्वास जागने लगा। ‘आप’ विधायकों के आक्रामक रुख को लेकर जब स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने उन्हें सदन से निष्कासित तथा निलंबित करना शुरू किया तो सुखबीर ने मौका देखकर लोकतंत्र की दुहाई देते हुए ‘आप’ विधायकों का साथ देना शुरू कर दिया।
‘आप’ विधायकों द्वारा सुखबीर की गाड़ी में बैठकर अस्पताल जाने के गलत मायने न निकाले जाएं’
फूलका ने कहा कि वॉच एंड वार्ड स्टाफ से धक्का-मुक्की के दौरान ‘आप’ विधायक पिरमल सिंह की पगड़ी उतर गई थी जिसे अकालियों ने उन्हें लौटाया। यह काम कांग्रेस विधायक भी कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पिरमल सिंह को पगड़ी लौटाने के लिए फूलका, अमन अरोड़ा तथा कंवर संधू तीनों सुखबीर की गाड़ी में सवार होकर सैक्टर-16 के अस्पताल तक गए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है और न ही इसके कोई गलत मायने लगाए जाने चाहिएं।