Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 12:07 PM
स नदी पर निर्मित पौंग बांध की महाराणा प्रताप सागर झील में अब तक 92 प्रजातियों के अतिथि पक्षी पधार चुके हैं जिनकी संख्या 1,11,000 से अधिक हो चुकी है। वन्य जीव विभाग के अधिकारी सेवा सिंह ने बताया कि सभी पक्षियों की रिकार्ड सूची प्रतिदिन तैयार की जाती...
मुकेरियां (स.ह.): ब्यास नदी पर निर्मित पौंग बांध की महाराणा प्रताप सागर झील में अब तक 92 प्रजातियों के अतिथि पक्षी पधार चुके हैं जिनकी संख्या 1,11,000 से अधिक हो चुकी है। वन्य जीव विभाग के अधिकारी सेवा सिंह ने बताया कि सभी पक्षियों की रिकार्ड सूची प्रतिदिन तैयार की जाती है। इस बार एक नई प्रजाति भी पहुंची है जिसके 3 भिन्न-भिन्न रंग हैं।
अब तक पहुंच चुकी प्रजातियां
पौंग बांध के जलाशय में अब तक मेहमान पक्षियों में बार हेडिड गीज, पिनटेल, रूडी शेल्डक, कामन टील, हुक, लिटल कार्मो रेंट, चिफ चैफ कामन पोचर्ड, सारस, शावलर, लिटिल ग्रीव, सोलीडेंट आदि प्रजातियां प्रमुख हैं। सेवा सिंह के अनुसार इन प्रजातियों में शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों प्रकार के पक्षी होते हैं।
कहां-कहां से आए अतिथि
वन्य जीव विभाग के प्रतिनिधि के अनुसार प्रतिदिन 2,000-2,200 पक्षी रहे हैं। शून्य से नीचे लुढ़क चुके तापमान वाले क्षेत्रों यूरोप, मध्य एशिया, साईबेरिया, तिब्बत, रूस व ग्लेशियरों से उड़ान भर कर हजारों किलोमीटर का सफर करते हुए मेहमान पक्षी महाराणा प्रताप सागर झील तक पहुंचते हैं।
पक्षियों की सुरक्षा के लिए अनेक दल किए नियुक्त
विभाग के अनुसार इस वर्ष डेढ़ लाख से अधिक पक्षी आने की सम्भावना है जिनकी सुरक्षा हेतु 22 टीमें नियुक्त की गई हैं जो इनके अवैध शिकार पर पैनी नजर रखेंगी और साथ ही बीठ व रक्त के नमूनों की जांच भी करेंगी ताकि बर्ड फ्लू संक्रमण से बचाव हो सके। आ रहे मेहमान पक्षी मार्च के अंत तक यहां प्रवास करेंगे। 307 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस जलाशय में उक्त पक्षी पूरा दिन अठखेलियां करते रहते हैं।