Edited By Updated: 30 Mar, 2017 08:18 AM
1991 में गठित जालंधर नगर निगम के 5 कार्यकाल पूरे होने को हैं और अब तक पिछले 26 सालों दौरान एक बार भी ऐसा नहीं हुआ जब पार्षद हाऊस में 2 मियां-बीवी एक साथ बैठे हों परन्तु 31 मार्च को होने जा रहे जालंधर ......
जालंधर(खुराना): 1991 में गठित जालंधर नगर निगम के 5 कार्यकाल पूरे होने को हैं और अब तक पिछले 26 सालों दौरान एक बार भी ऐसा नहीं हुआ जब पार्षद हाऊस में 2 मियां-बीवी एक साथ बैठे हों परन्तु 31 मार्च को होने जा रहे जालंधर नगर निगम के पार्षद हाऊस की बैठक दौरान अनीता-राजा और उमा-बेरी की जोडिय़ां यह रिकार्ड तोड़ सकती हैं। गौरतलब है कि वर्तमान हाऊस में जगदीश राजा और अनीता राजा पति-पत्नी के रूप में पार्षद हाऊस में बैठते रहे हैं परन्तु हाल ही में राजेन्द्र बेरी विधायक चुन कर आए हैं, जिनकी धर्मपत्नी उमा बेरी पहले से ही पार्षद हैं। अब राजेन्द्र बेरी भी विधायक के रूप में पार्षद हाऊस के सदस्य हैं। अगर बेरी शुक्रवार को हाऊस में आते हैं तो पार्षद हाऊस में एक साथ 2-2 मियां-बीवी बैठे होने का रिकार्ड बन सकता है।
2 मिनट में ही बजट पास करके बैठक खत्म भी कर सकते हैं मेयर
इस समय अकाली-भाजपा गठबंधन के लिए नगर निगम में नमोशी वाली स्थिति है क्योंकि शहर में इसके चारों विधायक हार चुके हैं जिनका स्थान कांग्रेसी विधायकों ने ले लिया है। इन चुनावों दौरान निगम के 60 वार्डों में से 58 वार्डों पर अकाली-भाजपा उम्मीदवारों की हार हुई है जिस कारण कांग्रेसी पार्षदों के हौसले बुलंद हैं इसलिए मेयर का हरसम्भव प्रयास होगा कि हाऊस में नमोशी वाली स्थिति से बचा जाए। ऐसे में मेयर यदि 2 मिनट में ही बजट को ‘पास-पास’ घोषित करके बैठक को स्थगित कर देते हैं तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। मेयर के पास यह बहाना होगा कि बैठक सिर्फ बजट के मुद्दे पर बुलाई गई है इसलिए जीरो आवर नहीं दिया जाएगा।
कुत्तों के अलावा एल.ई.डी. और स्वीपिंग मशीन पर हो सकता है हंगामा
31 मार्च को होने जा रहे जालंधर नगर निगम के पार्षद हाऊस की बैठक दौरान मुख्य मुद्दा तो अगले वित्तीय वर्ष के बजट को पास करना होगा परन्तु सदैव की भांति यदि जीरो आवर में पार्षदों को बोलने का मौका मिला तो सबसे ज्यादा हंगामा आवारा कुत्तों के प्रोजैक्ट, एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट तथा स्वीपिंग मशीन घोटाले पर होने की संभावना है जिस बारे फिलहाल विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। खास बात यह है कि पार्षद हाऊस ने सर्वसम्मति से आवारा कुत्तों की नसबंदी करने वाला प्रोजैक्ट डिप्टी मेयर अरविन्द्र कौर ओबराय और कुलदीप सिंह ओबराय द्वारा बनाई गई सोसायटी को दिया था परन्तु बाद में मेयर व डिप्टी मेयर में मतभेद गहरा गए और उसके बाद तो ओबराय दम्पति आम आदमी पार्टी में ही शामिल हो गए। ऐसे में पिछले हाऊस दौरान मेयर ने ओबराय दम्पति को दिया गया प्रोजैक्ट कैंसिल करने का प्रस्ताव पास करवा लिया।
अब इस हाऊस में यदि डिप्टी मेयर द्वारा यह मामला उठाया जाता है तो कांग्रेस भी इस मामले में मेयर का विरोध कर सकती है।पिछले 10 सालों से लगातार विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने हाल ही में स्वीपिंग मशीन घोटाले और एल.ई.डी. प्रोजैक्ट का डट कर विरोध किया था परन्तु कांग्रेस की एक न चली। अब शुक्रवार को इन घोटालों के साथ-साथ चैसीज घोटाले पर भी निगमाधिकारियों व मेयर को घेरा जा सकता है तथा कांग्रेसी पार्षद विधानसभा चुनावों दौरान अकाली-भाजपा की जबरदस्त हार पर तंज कसने में भी पीछे नहीं रहेंगे।
शायद नए कांग्रेसी विधायक भी बैठक में आएं
31 मार्च को हो रही जालंधर नगर निगम की बैठक दौरान शायद पांचों कांग्रेसी विधायक शामिल हों। पता चला है कि कांग्रेसी पार्षद दल ने सभी विधायकों के समक्ष मांग रखी है कि उन्हें पार्षद हाऊस की बैठक में अवश्य आना चाहिए ताकि अकाली-भाजपा की मनमानियों को रोका जा सके। खास बात यह है कि अगर बैठक में कांग्रेसी विधायक पहुंचते हैं तो उनके सामने जालंधर नगर निगम की अफसरशाही कांग्रेस के पार्षदों से भेदभाव नहीं कर पाएगी और साथ ही साथ कांग्रेसी पार्षदों का मनोबल भी ऊंचा रहेगा इसलिए बैठक दौरान सुशील रिंकू, राजेन्द्र बेरी, परगट सिंह, बावा हैनरी और सुरिन्द्र चौधरी के शामिल होने पर सब की निगाहें टिकी रहेंगी।