Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jul, 2017 10:10 AM
फरीदकोट जिले के 2 थानों को आखिर 25 साल व 17 साल बाद अपनी इमारतें नसीब होने वाली हैं ये दोनों थाने बेगानी इमारतों में किराए पर चल रहे हैं। पुलिस विभाग ने इस संबंधी जिले के डिप्टी कमिश्नर द्वारा इन थानों का मामला पंजाब सरकार को भेज दिया है।
फरीदकोट(हाली): फरीदकोट जिले के 2 थानों को आखिर 25 साल व 17 साल बाद अपनी इमारतें नसीब होने वाली हैं ये दोनों थाने बेगानी इमारतों में किराए पर चल रहे हैं। पुलिस विभाग ने इस संबंधी जिले के डिप्टी कमिश्नर द्वारा इन थानों का मामला पंजाब सरकार को भेज दिया है। जानकारी के अनुसार फरीदकोट जिले में 7 थाने हैं, जिनमें से 3 थाने कोटकपूरा सदर, बाजाखाना व गोलेवाला चौकी अभी तक बेगानी इमारतों में चल रहे हैं व इनका पुलिस विभाग को किराया भरना पड़ रहा है।
गत कई वर्षों से पुलिस विभाग थानों के आधुनिकीकरण की मांग कर रहा था। पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इस बार पास किए बजट में पंजाब अंदर 70 थानों को नई इमारतें बनाकर देने का प्रावधान किया है। फरीदकोट जिले के 2 थानों कोटकपूरा सदर व बाजाखाना को इमारतें मिलने की संभावना बन गई है।
विरासती इमारतों को प्यार करने वाले खफा
फरीदकोट जिले में पहले ही 3 थाने फरीदकोट सिटी, फरीदकोट सदर व जैतो की नई इमारतें बन चुकी हैं व इन नई इमारतों को बनाते समय पुरानी व ऐतिहासिक इमारतों को नजरअंदाज कर दिया गया जिस कारण इन थानों की इमारतों की ऐतिहासिक महत्ता बिल्कुल खत्म हो गई। विरासती इमारतों को प्यार करने वाले इस पर काफी खफा हुए थे, मगर इसके बावजूद भी किसी ने इन इमारतों की संभाल का कोई यत्न नहीं किया।
चौकी गोलेवाला भी किराए की इमारत में
थाना बाजाखाना की बात करें तो यह पहले चौकी के रूप में यहां के पंचायत घर में चलता था मगर इसे 2010 में सरकार ने थाने के तौर पर मंजूर कर लिया। इसके उपरांत यहां चल रहे स्वास्थ्य केन्द्र को नई इमारत मिल गई, तो पंचायत ने डिप्टी कमिश्नर द्वारा प्रस्ताव पास कर यह इमारत बिना किसी किराए पर पुलिस थाने के लिए दे दी। इसके अलावा चौकी गोलेवाला भी किराए की इमारत में चल रही है, जिसका 4800 रुपए प्रति महीना किराया अदा किया जाता है।
इन दोनों थानों हेतु नई इमारतों के लिए जगह देखी जा रही है।
थाना सदर का किराया 28,700 प्रति माह
जिले का थाना सदर कोटकपूरा मार्कीट कमेटी के रैस्ट हाऊस में 25 वर्ष पहले 1991 से चल रहा है। शुरू में इस इमारत का पुलिस विभाग ने कोई किराया नहीं दिया था, जिस कारण मार्कीट कमेटी व पुलिस विभाग का कागजी विवाद चलता रहा। बाद में इसका 28,700 रुपए प्रति महीना किराया निर्धारित कर लिया गया जोकि आज तक अदा किया जा रहा है।
इमारतों की ऐतिहासिक महत्ता का रखा जाए ध्यान
विरासत के साथ प्यार करने वालों ने कहा कि विकास होना चाहिए, इमारतें नई मिलनी चाहिएं मगर पुरानी इमारतों के इतिहास को उनकी महत्ता के अनुसार संभाला जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि पंजाब में थाने की नई इमारतें तो बना दी जाएं मगर उन इमारतों की ऐतिहासिक महत्ता को जरूर ध्यान में रखा जाए।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
जिले के वरिष्ठ पुलिस कप्तान डा. नानक सिंह ने पुष्टिï की कि फरीदकोट जिले के दोनों थाने बेगानी इमारतों में चल रहे थे। उन्होंने बताया कि इन थानों की इमारतें बनाने के लिए पहले ही केस बनाकर सरकार को भेजा हुआ है। उन्होंने स्पष्टï किया कि थानों की इमारतों के लिए नई जगह देख ली गई है व उसका स्वामित्व तबदील करने के लिए डिप्टी कमिश्नर द्वारा पंजाब सरकार को लिखा गया है ताकि इस जगह का स्वामित्व पंजाब सरकार से पंजाब पुलिस के नाम हो सके।