Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 05:44 PM
उस्मानपुर वैसे तो नवांशहर जिले की राहों-जाडला रोड पर बसा 2500 की आबादी ....
नवांशहर: उस्मानपुर वैसे तो नवांशहर जिले की राहों-जाडला रोड पर बसा 2500 की आबादी वाला गांव है, लेकिन यहां की सड़कें और सड़कों के किनारे लगे हरे-भरे पेड़ चंडीगढ़ जैसा अहसास कराते हैं। सड़के पक्की हैं और फुटपाथ भी इंटरलाकिंग टाइल्स से बने हैं।
डाकघर, बैंक, एटीएम 24 घंटे बिजली सप्लाई पंचायती मैरिज पैलेस, पब्लिक टायलेटस, जिम, पार्क, बस स्टॉप सीमेटेड चेयर और साफ-सफाई जैसी सुविधाएं गांव की अलग पहचान कराती हैं। यहां के लोगों की सोच भी अलहदा है। यहां सर्वसम्मति का मंत्र (फार्मूला) काम करता है। इस अनोखे मंत्र की वजह से ही यहां 15 साल से सरपंच और पंच सर्वसम्मति से ही चुने जाते हैं। लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हर कोई अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट कर सकता है। इतना ही नहीं, देश में करीब साढ़े 6 लाख और पंजाब में 13006 गांव है। ढाई माह पहले ग्रामीण विकास मंत्रालय के सर्वे में भी उस्समानपुर को देश के विकसित गांवों में 7वां और पंजाब को पहला रैंक मिला था।
इस तरीके से आया गांव में सर्वसम्मति का फार्मूल
2003 से 2013 तक बलबीर सिंह सर्वसम्मति से गांव के सरपंच रहे। अभी बलबीर नवांशहर नगर कौंसिल के वाइल प्रधान है। उन्होंने बताया कि पहली बार सर्वसम्मति से चुनाव करने के कारण सरकार ने गांव की पंचायत को 3 लाख की ग्रांट दी। उस समय 3 लाख की रकम बहुत बड़ी होती थी। इसके बाद गांव के बुजुर्गें ने फैसला किया कि ये 3 लाख तो लेने ही है साथ ही अब आगे भी सत्ताधारी दल के करीबी को ही सरपंच बनाएंगे, ताकि गांव को सरकार की और से कोई रुकावट न आए। 2013 में लोगों ने नई टीम को मौका देने का फैसला किया और रिटायर हेडमास्टर अजैब सिंह को सरपंच चुना। 2003 से सर्वसम्मति का फार्मूला अब तक चल रहा है।