Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 12:31 PM
फिल्लौर के गांव अशाहूरे के डिपो होल्डर रहे प्रवीन कुमार ने प्रैस कांफ्रैंस कर आरोप लगाया कि पंजाब सरकार का फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग बड़े घपले कर रहा है। गेहूं वितरण के नाम पर विभागीय कर्मचारियों ने बड़े घोटाले किए हैं। इस बारे जब उसने कुछ...
जालंधर(बुलंद): फिल्लौर के गांव अशाहूरे के डिपो होल्डर रहे प्रवीन कुमार ने प्रैस कांफ्रैंस कर आरोप लगाया कि पंजाब सरकार का फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग बड़े घपले कर रहा है। गेहूं वितरण के नाम पर विभागीय कर्मचारियों ने बड़े घोटाले किए हैं। इस बारे जब उसने कुछ आर.टी.आई. डाली और विभागीय कर्मचारियों की शिकायतें कीं तो उसका डिपो ही रद्द कर दिया गया।
प्रवीन ने कहा कि उसे जारी किया गए कैंसलेशन लैटर में वितरित की गई गेहूं के पैसे सरकारी खाते में जमा न करवाने का आरोप लगाया गया है। अगर उसने पेसे जमा नहीं करवाए तो 6 महीने विभाग ने इसका नोटिस क्यों नहीं भेजा। वास्तव में उसका डिपो विभाग के बारे आर.टी.आई. डालने व शिकायतें करने के कारण रद्द किया गया है। उसने आरोप लगाया कि विभाग की ओर से अनेकों नीले कार्ड गलत ढंग से बनाए गए हैं और कोई लोगों को उनके नाम पर नीला कार्ड बनने का भी पता तक नहीं है। हजारों कार्डों के जरिए पंजाब में गेहूं की घपलेबाजी कर विभागीय कर्मचारी करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। उन्होंने सारे नीले कार्डों और कार्डधारकों की जांच करवाने की सरकार से मांग की है।
सरकारी निर्देशानुसार अंत्योदय योजना के तहत गरीबों को 210 कि.ग्रा. गेहूं 6 महीने के लिए दी जानी चाहिए, जबकि उसके पास सबूत हैं जिनमें कई इंसपैक्टरों ने लोगों को 150 किलो/ 90 किलो/ 120 किलो गेहूं देकर उनसे साइन करवाए हैं। उन्होंने जिलाधीश से मांग की कि सारे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो। इस मौके उनके साथ राम सोवित दास गांव कतपालों (फिल्लौर) तथा जगतार राम गांव कतपालों भी मौजूद थे।