‘स्मॉग’ ने रोकी जिंदगी की रफ्तार, बीमारियों और हादसों की भरमार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 10:33 AM

fog

मौसम में फैले ‘स्मॉग’ ने जिंदगी की रफ्तार को रोक दिया है। कई दिनों से आसमान पर चढ़े इस धुएं के कारण सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। मंगलवार सुबह पड़ी धुंध ने धुएं को नीचे दबा दिया लेकिन इसके बावजूद पूरा दिन मौसम के मिजाज बिगड़े रहे। धुएं के...

बठिंडा(परमिंद्र): मौसम में फैले ‘स्मॉग’ ने जिंदगी की रफ्तार को रोक दिया है। कई दिनों से आसमान पर चढ़े इस धुएं के कारण सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। मंगलवार सुबह पड़ी धुंध ने धुएं को नीचे दबा दिया लेकिन इसके बावजूद पूरा दिन मौसम के मिजाज बिगड़े रहे। धुएं के साथ मिलकर धुंध भी अपना कहर बरपा रही है जिस कारण लोग आंखों व सांस की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ‘स्मॉग’ के कारण विजिबिलिटी भी काफी कम हो जाती है जिससे हर वक्त हादसा होने का खतरा बना रहता है। पिछले 2-4 दिन में ही यह ‘स्मॉग’ पंजाब भर में कई जानें ले चुका है। 

सांस व आंखों की बीमारियों का खतरा
आसमान पर छाए धुएं के कारण पूरी फिजा में धुआं भर गया है। इससे लोगों का सांस लेना भी दुश्वार हो गया है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। वृद्ध लोगों को अधिक समस्या पेश आ रही है जबकि छोटे बच्चे भी इससे नहीं बच पाए। डाक्टरों के पास सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यही नहीं धुएं के कारण आंखों में जलन के मामले भी सामने आ रहे हैं। दोपहिया वाहन चालकों को अधिक समस्या पेश आ रही है, वे आंखों में जलन होने की शिकायत कर रहे हैं। लोग विशेषकर वृद्धों ने घरों से बाहर निकलना छोड़ दिया है जबकि लोग बच्चों को भी घरों में ही रख रहे हैं।

धुंध व धुएं के मिलने से हालात हुए गंभीर
पिछले 2-3 दिन से नाड़ व अन्य प्रदूषण से पैदा हुए धुएं के साथ धुंध भी मिल गई है जिस कारण विजिबिलिटी 2-3 मीटर की ही रह गई है। इसमें वाहनों व औद्योगिक इकाइयों का धुआं होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता जिस कारण स्थिति गंभीर हो गई है। देर रात्रि या सुबह जल्दी तो विजिबिलिटी इससे भी कम हो जाती है। शहरी क्षेत्रों के अंदर विजिबिलिटी 5 से 10 मीटर रहती है लेकिन बाहरी सड़कों पर यह 2 मीटर तक भी नहीं होती। जिला बठिंडा में पिछले 5 दिन से अधिकतम तापमान 26 से 28 डिग्री सैल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री सैल्सियस है जबकि पिछले 5 दिन के दौरान हवा में नमी की अधिकतम मात्रा 92 से 98 फीसदी तथा न्यूनतम मात्रा 61 से 80 फीसदी रिकार्ड की गई है। 

विजिबिलिटी कम होने के कारण हो रहे हादसे
‘स्मॉग’ दिन ढलते ही और गहरा हो जाता है जिस कारण वाहनों की स्पीड पर भी कंट्रोल रखना चाहिए। ‘स्मॉग’ के कारण हादसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। बङ्क्षठडा व आसपास हाईवे पर ‘स्मॉग’ के कारण कई हादसे हो चुके हैं जिनमें दर्जन भर लोग जख्मी हो चुके हैं। इसी कारण गत दिन मलोट रोड पर एक बस पलट गई जबकि 4 दिन पहले मानसा रोड पर एक ट्रक व बस की टक्कर में कई लोग जख्मी हो गए थे। ऐसे में लोगों को सतर्क होकर वाहन चलाने चाहिए ताकि वे व उनके परिजन सुरक्षित रह सकें। 

क्या कारण है ‘स्मॉग’ फैलने का 
‘स्मॉग’ के फैलने का मुख्य कारण पराली के जलाने से फैलने वाला धुआं, गाडिय़ों के इंजन से निकलने वाला धुआं और फैक्ट्ररियों के प्रदूषण से जो गैसें गर्म हवा के रूप में निकलती हैं को माना जा रहा है। गर्म हवा हमेशा ऊपर की ओर उठने की कोशिश करती है और थोड़ी ही देर में वह किसी मर्तबान के ढक्कन की तरह व्यवहार करने लगती है। कुछ ही समय में हवा की इन दोनों गर्म और ठंडी परतों के बीच हरकतें रुक जाती हैं, इन्हीं गर्म और ठंडी परतों के उलट-पुलट के कारण स्मॉग बनता है और यही कारण है कि गर्मियों के मुकाबले जाड़ों के मौसम में स्मॉग ज्यादा आसानी से बनता है।

 

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