Edited By Updated: 24 Apr, 2017 03:01 PM
पिछले कई सालों से मीडिया की मुख्य सुर्खियां बनी फैक्टरी एरिया में स्थित मछली मार्कीट को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बंद करने के आदेश कर दिए हैं।
पटियाला(बलजिन्द्र) : पिछले कई सालों से मीडिया की मुख्य सुर्खियां बनी फैक्टरी एरिया में स्थित मछली मार्कीट को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बंद करने के आदेश कर दिए हैं। यह मामला अलग-अलग पड़ावों में से गुजर कर फिर से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा था। मछली मार्कीट बंद होने के आदेशों के साथ ही लोगों की आवाज पर मछली मार्कीट बंद करवाने के लिए संघर्ष कर रहे अकाली पार्षद सुखविंद्र पाल सिंह मिंटा ने लगभग एक दशक पुरानी लड़ाई इलाके के लोगों के सहयोग से जीत ली है।
अदालत ने इलाके के लोगों के दर्द को समझा और उनकी आवाज सुनी: मिंटा
इस लड़ाई के सूत्रधार पार्षद सुखविंद्र पाल सिंह मिंटा ने कहा कि आखिर अदालत ने इलाके के लोगों के दर्द को समझा और उनकी आवाज सुनी। उन्होंने कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं बल्कि मछली मार्कीट के कारण यहां आसपास रह रहे हजारों ही लोग प्रभावित हो रहे थे। उन्होंने कहा कि अदालत के हुक्म वह सोमवार को नगर निगम कमिश्नर और एस.डी.एम. पटियाला से मिलकर उनको सौंपेंगे और मार्कीट बंद करने के लिए निवेदन करेंगे। उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों को लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद इंसाफ मिला है।
क्या था मछली मार्कीट का मामला
-फैक्टरी एरिया शुरू होते ही पिछले कई सालों से मछली मार्कीट चल रही है। इसका शुरू से इलाके के लोग रिहायशी क्षेत्र होने के कारण विरोध करते आ रहे थे। इसको लेकर कई बार संघर्ष हुआ जिसमें लोगों का नेतृत्व इलाके के पिछले 15 साल से पार्षद चले आ रहे सुखविंद्र पाल सिंह मिंटा ने किया।
-कई बार सेहत विभाग ने छापेमारी की और यहां बेची जाने वाली मछली की सैंपलिंग भी की और सैंपल फेल आए। प्रशासन की तरफ से कई बार मार्कीट को बंद करने के हुक्म हुए परंतु स्थानीय राजनीति के चलते हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर मार्कीट को खोल दिया गया।
-पार्षद मिंटा इलाके के लोगों समेत इस मामले को पिछले साल तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री के संगत दर्शन में ले गए जहां मौके पर उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने प्रशासनिक अधिकारियों को मछली मार्कीट बंद करने के हुक्म दिए और प्रशासन ने शुरूआती कार्रवाई करने के बाद मार्कीट को बंद कर दिया।
-इसके विरोध में मछली मार्कीट वाले एस.डी.एम. के कोर्ट में चले गए जहां वे केस हार गए और फिर मामला सैशन कोर्ट और फिर पंजाब और हरियाणा कोर्ट में चला गया, जहां हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों और नगर निगम के अधिकारियों का पक्ष जानने के बाद मार्कीट को बंद करने के हुक्म जारी कर दिए परंतु इसी दौरान मछली मार्कीट वालों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक पटीशन दायर की जिसमें उन्होंने अपील की कि उनका कारोबार बंद होने के कारण वे बेरोजगार हो गए हैं। उनको मार्कीट खोलने के लिए कोई और जगह अलॉट नहीं की गई। इसलिए उनके परिवारों के भविष्य को देखते हुए उनको मार्कीट खोलने की इजाजत दी जाए।
-इस पर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों का पक्ष जानने के बाद सही स्थिति के बारे पता लगाया जा सके, इसलिए एक स्थानीय कमिश्नर नियुक्त करके भेजा गया जिसने मौके पर आकर सारी स्थिति का जायजा लिया और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए और अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि अदालत की तरफ से मार्कीट बंद करने के आदेशों के बाद ज्यादातर दुकानदारों ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में अपने कारोबार खोल लिए हैं।
-अदालत की तरफ से तैनात किए गए स्थानीय कमिश्नर ने अदालत को जो रिपोर्ट सौंपी उसे आधार बनाकर फैक्टरी एरिया में से मछली मार्कीट बंद करने के हुक्म जारी कर दिए गए हैं।