Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jul, 2017 02:27 AM
पंजाब में पिछले एक दशक में पहली बार सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली.....
जालंधर(धवन): पंजाब में पिछले एक दशक में पहली बार सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वर्ष राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 6 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई थी।
राज्य सरकार द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों में सामने आया है कि हाईवेज पर शराब की बिक्री पर लगी रोक, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राज्य ट्रैफिक पुलिस विंग द्वारा उठाए गए कदमों से ही इन मौतों में 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। पंजाब में वर्ष 2017 के पहले 5 महीनों में सड़क दुर्घटनाओं में 1765 लोगों की मौतें हुई, जबकि पिछले साल उक्त समय में इन मौतों की गिनती 2052 थी।
मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस सरकार बनने के बाद राज्य ट्रैफिक पुलिस विंग को सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे। अतिरिक्त डी.जी.पी. (ट्रैफिक) एम.के. तिवारी के अनुसार फरीदकोट में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 62 प्रतिशत, मोगा में 45 प्रतिशत, लुधियाना देहाती में 38 प्रतिशत, मानसा में 41 प्रतिशत, जालंधर कमिश्ररेट में 26 प्रतिशत, कपूरथला में 23 तथा खन्ना में 21 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। ट्रैफिक नियमों को राज्य सरकार ने सख्ती से लागू करने के निर्देश सभी पुलिस कमिश्ररों व एस.एस.पीज को जारी किए हैं।
पता चला है कि जब भी किसी भी जिले में भीषण सड़क दुर्घटना होती है तो तत्काल सरकार द्वारा पुलिस प्रमुखों से रिपोर्ट तलब कर सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। सड़क दुर्घटना वाले संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां पर ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा रहा है। पिछले बुधवार को ही पंजाब कैबिनेट में रोड सेफ्टी के लिए 100 करोड़ रुपए का फंड बनाने का निर्णय लिया था। इस फंड में आने वाली 50 प्रतिशत राशि कम्पाऊंडिंग फीस से एकत्रित होगी। कम्पाऊंडिंग फीस ट्रैफिक पुलिस तथा ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा किए जाने वाले चालानों से एकत्रित होती है। केरल में भी 2007 में ऐसा ही एक फंड बनाया गया था, जिसके बाद केरल में रोड सेफ्टी पर पैसा खर्च करके सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी लाई गई। हाईवेज पर अब राज्य सरकार द्वारा संवेदनशील स्थानों पर चेतावनी सिग्रल भी लगाए जा रहे हैं।