फिरोजपुर के गांवों में बने स्टेडियमों की हालत दयनीय

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Sep, 2017 03:37 PM

firozpur stadium

जहां पहले गांवों के खेल मैदानों में खिलाड़ी अपने खेल की प्राथमिक ट्रेनिंग प्राप्त कर देश और राज्य का नाम रोशन करते थे, वहीं भारत में पंजाब एक

फिरोजपुर (मनदीप): जहां पहले गांवों के खेल मैदानों में खिलाड़ी अपने खेल की प्राथमिक ट्रेनिंग प्राप्त कर देश और राज्य का नाम रोशन करते थे, वहीं भारत में पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां से कई महान और दिगज खिलाड़ी निकले हैं। जिन्होंने देश का नाम विश्व स्तर पर चमकाया है और समय-समय पर राज्य सरकार ने खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े-बड़े दावे भी किए हैं जिसमें सरकार युवा पीढ़ी को नशों से दूर रखकर गांवों में स्टेडियम बनाकर उन्हें खेलों की तरफ आकॢषत करने की बड़ी-बड़ी बातें भी करती है लेकिन यह सभी दावे जिला फिरोजपुर के विभिन्न गांवों में बने स्टेडियमों की हालत को देखते हुए हवा होते हुए दिखाई देते हैं।

स्टेडियम  में लोग करते हैं खेती
गांवों में बने खेल स्टेडियमों की देख-रेख तो बहुत दूर बात है, इनकी तरफ ध्यान न दिए जाने के कारण लोगों ने इन खेल मैदानों में कृषि कर फसल उगाई हुई है। जिले के गांवों बारेके, वाहका, शेरखां, वलूर, भड़ाना के साथ-साथ कई गांवों में बने स्टेडियमों की हालत दयनीय बनी हुई है जोकि पंजाब सरकार के नौजवान पीढ़ी को नशों से बचाने के लिए गांवों में खेल स्टेडियम बनाने और युवाओं को खेलों की तरफ अकॢषत करने के दावों की पोल खोलती है। गांव वाका में खेल स्टेडियम तो बना है लेकिन उसकी हालत दयनीय होने के कारण ऐसा लगता है कि यहां कभीकोई टूर्नामैंट ही नहीं हुआ हो और यह स्टेडियम सिर्फ किसानों की फसलों के रख-रखाव के लिए ही काम आता है।  

गांव शेरखां का स्टेडियम बना नशेडिय़ों का अड्डा 
दूसरी ओर शेरखां गांव में बने स्टेडियम में तो नशेडिय़ों ने अपना अड्डा बनाया हुआ है, वहां बने कमरों में नशा किया जाता है। इसी तरह गांव बारेके में काफी साल पहले स्टेडियम के लिए करीब 5 एकड़ जमीन पंचायत ने दी थी। यहां स्डेटियम की इमारत तो बनी हुई दिखाई देती है लेकिन इमारत के चारों तरफ खेती की हुई है और पिछले कई सालों से यहां खेती ही हो रही है। फिरोजपुर में कई ऐसे स्टेडियम हैं जिन्हें सिर्फ दिखावे के लिए ही बनाया गया है। 

...ताकि नौजवानों को खेलों की तरफ आकर्षित किया जा सके
इस संबंधी गांव निवासी हरजिन्द्र सिंह, संपूर्ण सिंह, मक्खन सिंह व अन्य गांव के लोगों का कहना है कि गांवों में स्टेडियम तो बने हैं लेकिन वह सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी कमरों में बैठे रहते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर यहां आकर नहीं देखते जिससे उन्हें स्टेडियमों की खराब हालत बारे पता चल सके। लोगों ने सरकार से मांग की कि गांवों में बने इन खेल स्टेडियमों की तरफ ध्यान दिया जाए ताकि गांवों के नौजवानों को नशों की दलदल से निकाल कर खेलों की तरफ आकर्षित किया जा सके। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!