Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 03:12 PM
हथियारों के शौकीन पंजाबी अब विवाह-शादियों में गोलीबारी कर अपने ही लोगों का खून बहाने लगे हैं। आए दिन मैरिज पैलेसों में गोलीबारी की इन घटनाओं में मासूम जिंदगियां जा रही हैं जबकि सरकार खुलेआम होने वाली इस फायरिंग को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो...
बठिंडा(परमिंद्र): हथियारों के शौकीन पंजाबी अब विवाह-शादियों में गोलीबारी कर अपने ही लोगों का खून बहाने लगे हैं। आए दिन मैरिज पैलेसों में गोलीबारी की इन घटनाओं में मासूम जिंदगियां जा रही हैं जबकि सरकार खुलेआम होने वाली इस फायरिंग को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। जिला प्रशासन की ओर से विवाह-शादियों पर हथियारों का प्रदर्शन व गोलीबारी न करने पर पाबंदी तो लगाई जाती है लेकिन उसे लागू करने पर ध्यान नहीं दिया जाता। अगर इस प्रकार की घटनाओं को रोकना है तो प्रशासन को न केवल हथियारों के शौकीनों बल्कि मैरिज पैलेसों तथा समागम के आयोजकों की जिम्मेदारियां भी तय करनी पड़ेंगी।
एक के बाद एक हो रहीं घटनाएं
मैरिज पैलेसों में समारोहों दौरान फायरिंग की घटनाएं लगातार हो रही हैं व इनके कारण मासूम व निर्दोष लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं। 2015 में अजनाला में एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची भी इसी प्रकार खुशियों की गोलीबारी का शिकार हो गई। इसी प्रकार वर्ष 2016 के दौरान बङ्क्षठडा के ही मौड़ मंडी में एक मैरिज पैलेस में चली गोली में एक डांसर को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसी वर्ष बटाला के एक मैरिज पैलेस में चलाई गई गोली ने एक महिला अध्यापिका की जान ले ली। 2016 में ही अमृतसर के एक गांव में भी एक युवक की शादी समारोह दौरान चली गोली से मौत हो गई। यह सिलसिला लगातार जारी है। अब कोटकपूरा में एक शादी समारोह के दौरान रिश्तेदारों द्वारा ही चलाई गई गोली ने एक 8 वर्षीय मासूम की जान ले ली।
2007 से लेकर अब तक 2 लाख से अधिक हथियार जारी
पंजाब में हथियारों का क्रेज लगातार बढ़ रहा है जिस कारण हथियारों की संख्या भी हर साल बढ़ रही है। बेशक प्रशासन ने असला लाइसैंस की फीस बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी है लेकिन इसके बावजूद भी लगातार लाइसैंसों के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। फिल्मों और विशेषकर पंजाबी गीतों में बढ़े हथियारों के कल्चर ने युवाओं को तेजी से हथियारों की ओर मोड़ दिया है। आई.जी. पुलिस लुधियाना ने कुछ समय पहले यह खुलासा किया था कि पंजाब में देशभर में सबसे अधिक हथियारों के लाइसैंसों हेतु आवेदन किए जाते हैं। पुलिस आंकड़ों के अनुसार 2007 से लेकर अब तक पंजाब में 2 लाख से अधिक हथियारों के लाइसैंस जारी किए जा चुके हैं।
प्रशासन के आदेश कागजों तक सीमित
जिला प्रशासन की ओर से पूरा साल मैरिज पैलेसों में होने वाली गोलीबारी को रोकने के लिए पाबंदी के आदेश जारी किए जाते हैं व समय-समय पर उनकी अवधि बढ़ाई जाती है लेकिन ये आदेश कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं। जिला प्रशासनिक अधिकारी किसी भी मैरिज पैलेस में जाकर जांच करने या हथियारों के प्रयोग पर कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाता। हादसा होने की सूरत में भी पुलिस केस दर्ज करके ही पल्ला झाड़ लिया जाता है लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जाते। गोलीबारी की अधिकांश घटनाओं में दूल्हा-दुल्हन के रिश्तेदार की शामिल होते हैं व ऐसे में अधिकतर मामलों में समझौते ही हो जाते हैं।