1 दिसम्बर से अंगूठा लगाकर मिला करेंगी सब्सिडी वाली खादें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 09:34 AM

fertilizer subsidy

खादों की सबसिडी जारी करने में सभी अनियमितताओं को दूर करने के लिए 1 दिसम्बर के बाद खाद की हरेक बोरी आधारकार्ड के साथ लिंक करके बेची जाएगी।  इस उद्देश्य के लिए कृषि विभाग ने अपने अधिकृत खाद विक्रेताओं की दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीनें लगवा दी हैं जिन पर...

गुरदासपुर (हरमनप्रीत): खादों की सबसिडी जारी करने में सभी अनियमितताओं को दूर करने के लिए 1 दिसम्बर के बाद खाद की हरेक बोरी आधारकार्ड के साथ लिंक करके बेची जाएगी।  इस उद्देश्य के लिए कृषि विभाग ने अपने अधिकृत खाद विक्रेताओं की दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीनें लगवा दी हैं जिन पर अंगूठा या कोई अन्य उंगली लगाने के बाद ही किसानों को सबसिडी वाली खाद मिल सकेगी।

 

किसानों को पहले रेटों पर ही  मिलती रहेगी खाद : बैंस  
कृषि विभाग पंजाब के डायरैक्टर जसबीर सिंह बैंस ने स्पष्ट करते हुए कहा कि किसानों को पहले रेटों मुताबिक ही खादें मिलती रहेंगी। इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है कि किसानों को सबसिडी के पैसे बैंक खातों में दिए जाने हैं। किसान किसी भी तरह से फिक्र न करें। वे पुराने रेटों पर अपनी जरूरत अनुसार जितनी चाहे खाद खरीद सकते हैं।

 

क्या है पी.ओ.एस. मशीन
कृषि विभाग पंजाब से संबंधित मुख्य इंस्पैक्टर (खाद) गुरजीत सिंह बराड़ ने बताया कि पी.ओ.एस. मशीनें बायोमीट्रिक प्रणाली के साथ जुड़ी हैं। जब भी किसान खाद खरीदने जाएगा तो उसे अपना आधारकार्ड या आधार नंबर बताना पड़ेगा। दुकानदार इंटरनैट के साथ जुड़ी इस मशीन पर किसान का अंगूठा या कोई अन्य उंगली लगवाएगा। इसके उपरांत किसान जितनी खाद खरीदेगा, उस की जानकारी सरकार और संबंधित विभागों तक पहुंच जाएगी, जिसके बाद ही सरकार की तरफ से संबंधित कम्पनियों को सबसिडी जारी की जाएगी।

 

4 राज्यों में लागू होगी नई योजना  
केन्द्र सरकार ने देश के चुनिन्दा राज्यों में डायरैक्ट बैनीफिट ट्रांसफर के पायलट प्रोजैक्ट की शुरूआत की थी। पंजाब के पड़ोसी सूबे हिमाचल प्रदेश समेत अलग-अलग स्थानों पर इस योजना के पूरी तरह सफल होने के बाद अब सरकार की तरफ से पंजाब, आंध्रप्रदेश, हरियाणा और उत्तर-प्रदेश में भी सबसिडी वाली सारी खाद की बिक्री इन मशीनों के द्वारा करने का फैसला लिया गया है। देश भर में खादों के कुल उपभोग का 75 से 80 प्रतिशत हिस्सा इन राज्यों में ही इस्तेमाल होता है। पंजाब मं हर साल करीब 25 लाख टन यूरिया खाद का इस्तेमाल होता है जबकि 8.5 लाख टन डी.ए.पी. और 1.5 लाख टन पोटाश प्रयोग होती है।  जानकारी अनुसार केन्द्र सरकार ने 1 अप्रैल 2018 से सारे देश में खादों की सारी सबसिडी डायरैक्ट बैनीफिट ट्रांसफर द्वारा जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।  


पंजाब में लगेंगी 8,877 मशीनें: बराड़  
कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरैक्टर (इनपुट्स) जगतार सिंह बराड़ ने बताया कि पंजाब में कुल 12,000 के करीब खाद विक्रेता हैं परन्तु यह मशीन सिर्फ  उन डीलरों की दुकानों पर लगनी है जो सबसिडी वाली खादें बेचते हैं। पंजाब में करीब 3,800 सहकारी सभाओं को मिलाकर कुल 8,877 अधिकृत डीलर नाईट्रोजन, फासफोरस और पोटाश आदि तत्वों वाली खादें बेचते हैं। 

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