Edited By Updated: 12 Apr, 2017 12:48 PM
जब कोई भिखारी कई दिनों से भूखा होने के नाम पर भीख मांगता है तो आम आदमी उस पर तरस कर लेते हैं पर जो कई बार मुश्किल भरा हो जाता है।
रूपनगर(कैलाश): जब कोई भिखारी कई दिनों से भूखा होने के नाम पर भीख मांगता है तो आम आदमी उस पर तरस कर लेते हैं पर जो कई बार मुश्किल भरा हो जाता है। ऐसा ही कुछ आज यहां देखने को मिला। कुछ दिन पहले एक भिखारी भूखा होने के नाम पर सिविल अस्पताल के सामने एक दुकानदार गुलशन आहूजा के पास गया तथा उसे रोटी खाने के लिए पैसे देने हेतु भीख मांगने लगा। गुलशन आहूजा ने उसे पैसे देने की बजाय साथ लगते जैन ढाबे के मालिकों को रोटी खिलवाने के लिए कहा परंतु रोटी खाने के बाद भिखारी ने ढाबे में हंगामा खड़ा कर दिया कि ढाबे के कर्मचारी ने उसके 500 रुपए निकाल लिए तथा उसने 500 रुपए देने की बात कही और बात को काफी बढ़ा दिया। वहां मोहल्लावासी पहुंचे और मामले को रफा-दफा किया।
हैरानी की बात यह है कि यहां से जाने के बाद उक्त भिखारी ने एक अस्थायी अर्जी एस.एस.पी. रूपनगर को दी तथा एस.एस.पी. ने उक्त अर्जी को सी.आई.ए. स्टाफ के पास जांच के लिए मार्क कर दिया। सी.आई.ए. स्टाफ का एक मुलाजिम उक्त भिखारी को साथ लेकर ढाबे पर पहुंचा तो वहां पहुंचते ही भिखारी ने ढाबे के मुलाजिमों को गालियां निकालना शुरू कर दीं। जिस पर वहां दुकानदार गुलशन आहूजा व अन्य दुकानदार सचिन चोपड़ा को बुलाया गया लेकिन उसका दुव्र्यवहार जारी रहा और मसले का हल न होने के कारण पुलिस कर्मचारी उक्त भिखारी व दुकानदारों को सी.आई.ए. स्टाफ ले गए। जहां भिखारी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और लिखित राजीनामा कर माफी मांगी। उक्त भिखारी की शिनाख्त मोनू निवासी यू.पी. व हाल निवासी नया बस स्टैंड के रूप में बताई गई।