Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 08:50 AM
फास्ट-वे केबल नैटवर्क के मालिक के लुधियाना स्थित ‘ग्रांड वॉक मॉल’ की छठी मंजिल को 3 दिन में ढहाने के नोटिस पर पंजाब एंड हरियाणा
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): फास्ट-वे केबल नैटवर्क के मालिक के लुधियाना स्थित ‘ग्रांड वॉक मॉल’ की छठी मंजिल को 3 दिन में ढहाने के नोटिस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। वहीं मामले में पंजाब सरकार समेत अन्य प्रतिवादियों को 23 अगस्त के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जी.एस. मैजिस्टिक डिवैल्पर्स प्रा. लि. ने पंजाब सरकार, एम.सी. लुधियाना और एम.एस. कमिश्नर को पार्टी बनाते हुए याचिका दायर की है।
याचिका में कहा, केबल बिजनैस में कुछ न मिला तो बिल्डिंग को निशाना बनाया
याचिका में 14 अगस्त, 2017 के कमिश्नर द्वारा पंजाब एम.सी. एक्ट की धारा 274 के तहत जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की गई है। नोटिस में याची को ग्रांड वॉक मॉल की छठी मंजिल पर की गई कंस्ट्रक्शन को तोडऩे के लिए 3 दिन का समय दिया गया था। इसमें मांग की गई है कि पक्ष को आदेश जारी हों कि याची के शांतिपूर्ण पोजैशन में दखलअंदाजी न करें। याची के अनुसार केबल बिजनैस में कु छ भी आपत्तिजनक न मिलने पर डिपार्टमैंट ऑफ लोकल गवर्नमैंट ने उनकी इस बिल्डिंग को निशाना बनाया।
पहले बिना नोटिस फुटपाथ तोड़ा और अब मंजिल ढहाने का नोटिस
याचिका में कहा गया कि 13 अगस्त, 2017 को रात 11 बजे एम.सी. कर्मी ग्रांड वॉक मॉल में आए और फुटपाथ का निर्माण तोड़ दिया। याचिका के मुताबिक बिना नोटिस यह कार्रवाई की गई। इसे राजनीतिक रंजिश निकालने के लिए दुर्भावना से की गई कार्रवाई बताया गया है। हैरानी की बात है कि प्रतिवादी पक्ष ने ऑक्शन नोटिस और साइट प्लान में किसी ग्रीन बैल्ट का सीमांकन नहीं किया हुआ है। यही नहीं प्रतिवादी पक्ष ने लोधी क्लब रोड साइड से प्रवेश और निकलने का रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया जो आगजनी की स्थिति में निकलने के लिए आवश्यक है। इस सबके बाद प्रतिवादी पक्ष ने छठी फ्लोर को ढहाने का नोटिस जारी कर दिया। इसके पीछे सैंक्शन प्लान के तहत इसके न होने व कम्प्लीशन सर्टीफिकेट न मिलने को आधार बनाया गया।
55 करोड़ में खरीदी थी साइट
वर्ष 2009 में फिरोजपुर रोड पर 1.13 एकड़ जमीन की नीलामी के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। इसमें याची कंपनी ने 55 करोड़ से अधिक की सबसे ऊंची बोली लगा अलॉटमैंट लैटर हासिल किया था। याची कंपनी ने जमीन पर शापिंग मॉल बनाने के लिए बिल्डिंग प्लान प्रतिवादी पक्ष को दिया था जो सितम्बर, 2011 में मंजूर हो गया था।