Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 10:33 PM
पंजाब सरकार ने किसानों की जमीन की निशानदेही के कार्य को ‘राइट टू सॢवस’ एक्ट के घेरे में शामिल करके इस कार्य को 45 दिनों में सुनिश्चित बनाए जाने को लेकर कदम उठाया है, वहीं निशानदेही कार्य के पुराने जरीब से मिनती वाले सिस्टम को तबदील करके इसको आधुनिक...
चंडीगढ़(भुल्लर): पंजाब सरकार ने किसानों की जमीन की निशानदेही के कार्य को ‘राइट टू सॢवस’ एक्ट के घेरे में शामिल करके इस कार्य को 45 दिनों में सुनिश्चित बनाए जाने को लेकर कदम उठाया है, वहीं निशानदेही कार्य के पुराने जरीब से मिनती वाले सिस्टम को तबदील करके इसको आधुनिक इलैक्ट्रॉनिक सिस्टम से करने के लिए दी जाने वाली सुविधा के बदले यूजर चार्ज के रूप में 5000 रुपए तक फीस वसूलने का फैसला किया है।
इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा सभी मंडल कमिश्नरों व जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को लिखित पत्र जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि ऋण माफी का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ परंतु किसानों पर इससे पहले एक नया भार और डाल दिया गया है। माल विभाग द्वारा जारी पत्र अनुसार अब किसानों को जमीन की निशानदेही करवाने के लिए 500 से 5000 रुपए तक जमा करवाने होंगे जबकि पहले इसका कोई खर्चा नहीं होता था। 5 एकड़ तक अब जमीन के मालिक किसान को निशानदेही के लिए 500 रुपए, 5 से 25 एकड़ तक की जमीन के लिए 2000 रुपए तथा 25 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसान को 5000 रुपए यूजर चार्ज के रूप में जमा करवाने होंगे।
पत्र में यह भी कहा गया कि जमीन की निशानदेही आधुनिक यंत्र (इलैक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन) से की जाएगी जिससे गन्ने की खड़ी फसल में भी निशानदेही की जा सकती है, जबकि इससे पहले जरीब से पुराने सिस्टम के तहत खेतों में खड़ी फसलों के कारण निशानदेही करने में मुश्किलें आती थीं। पता चला है कि सरकार ने यह फैसला विधानसभा सत्र से पहले हुए मंत्रिमंडल की बैठक में ही ले लिया था परंतु इसे गुप्त रखा गया और अब इसे लागू करते हुए आदेश पत्र जारी कर दिया गया है।