Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 02:51 PM
7 किसान संगठनों ने पंजाब के किसानों का कर्जा माफ करवाने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
बरनाला(विवेक सिंधवानी,गोयल): 7 किसान संगठनों ने पंजाब के किसानों का कर्जा माफ करवाने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दाना मंडी बरनाला में एक सांझी महारैली दौरान किसान संगठनों ने संघर्ष का ऐलान करते हुए कहा कि वे 22 सितम्बर से पटियाला में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के मोती महल का घेराव करेंगे।
यह घेराव निरंतर 5 दिन जारी रहेगा। यदि पंजाब सरकार न झुकी तो मौके पर ही नए संघर्ष का ऐलान किया जाएगा। भाकियू एकता के अध्यक्ष जोगिन्द्र सिंह उगराहां व क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष सिंदर सिंह नत्थूवाला ने कहा कि केन्द्र व पंजाब सरकार अपने वायदे से भाग गई है। केन्द्र सरकार द्वारा कार्पोरेट घरानों का 1 लाख 16 हजार करोड़ का कर्जा तो माफ कर दिया गया व 3 लाख करोड़ से अधिक का कर्जा माफ करने की तैयारी की जा रही है परंतु किसानों का कर्जा माफ नहीं किया जा रहा। देश भर के 162 किसान संगठनों द्वारा किसानों का कर्जा माफ करवाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है परंतु सरकारों के कान पर जूं नहीं रेंग रही।
पंजाब के किसानों पर 85 हजार करोड़ का कर्जा है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने वोटों से पहले पंजाब के किसानों का कर्जा माफ करने का वायदा किया था परंतु वोटें लेने के बाद वह अपने वायदे से मुकर गएहैं। इस मौके पर भाकियू एकता डकौंदा के अध्यक्ष बूटा सिंह बु्रजगिल,श्रम किसान यूनियन के अध्यक्ष निरभै सिंह,किसान संघर्ष कमेटी के कन्वीनर कंवलप्रीत सिंह पन्नू, भाकियू क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल,किसान संघर्ष कमेटी आजाद के अध्यक्ष हरजिन्द्र सिंह टांडा व महिला किसान नेता हरविन्द्र कौर ङ्क्षबदू शामिल थी। स्टेज सचिव की जिम्मेदारी सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने निभाई।
ये हैं किसानों की मांगें
-पंजाब सरकार 2 लाख रुपए तक कर्जा माफी का नोटीफिकेशन फौरन जारी करे।
- स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशें लागू की जाएं।
-फसलों की खरीद की सरकार की गारंटी हो।
-घटिया बीजों, दवाइयां, खाद आदि बेचने वालों पर शिकंजा कसा जाए।
-बिजली के प्रबंधों को ठीक किया जाए।
-प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा फौरी तौर पर दिया जाए।
-आत्महत्या करने वाले किसानों को 10-10 लाख की वित्तीय सहायता व परिवार के एक मैंबर को नौकरी दी जाए।
-.बेसहारा पशुओं का स्थायी हल किया जाए।
-गेहूं व धान की पराली को जलाने पर पाबंदी व जुर्माने के फैसले को रद्द किया जाए।
-कृषि के औजारों की संभाल के लिए 25 हजार रुपए प्रति एकड़ फौरी तौर पर राहत दी जाए।