Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 12:20 PM
अरनीवाला रजबाहा में से झीलवाला हैड से निकलती भागसर माइनर जोकि तकरीबन 28 किलोमीटर लंबी है, क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों के क्षेत्रफल को सिंचाई के लिए पानी मुहैया करती है।
श्री मुक्तसर साहिब(दर्दी): अरनीवाला रजबाहा में से झीलवाला हैड से निकलती भागसर माइनर जोकि तकरीबन 28 किलोमीटर लंबी है, क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों के क्षेत्रफल को सिंचाई के लिए पानी मुहैया करती है। इस रजबाहे पर पड़ते आखिरी टेल पर गांव टाहनीवाला जटां के किसानों गुरदर्शन सिंह, गुरलाभ सिंह, गुरचरण सिंह, नायब सिंह, कैप्टन रणधीर सिंह, गुरबिंद्र सिंह, जोगिंद्र सिंह, जगरूप सिंह व अवतार सिंह ग्रेवाल आदि ने बताया कि जब यह रजबाहा कच्चा था तो उस समय उनको पानी की कोई कमी नहीं थी, वे रजबाहे के कच्चे बर्मो की कटाई कर पानी की कमी को पूरा कर लेते थे परंतु जब से यह रजबाहा पक्का हुआ है, वे पानी की कमी का शिकार हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले 1982 में लाइनिंग विभाग द्वारा यह रजबाहा पक्का किया गया, तो इसके लैवल कहीं ऊंचे व कहीं नीचे बना दिए और वे पानी की कमी से जूझते रहे। खुद पंचायती तौर पर लेबर व अपनी मशीनरी लगाकर सफाई करते रहे। वर्षों तक सरकारी अधिकारियों के कार्यालयों में चक्कर लगाकर मंत्रियों, सैक्रेटरियों व विभागों के उच्च अधिकारियों को फरियाद करते रहे किन्तु समस्या का हल नहीं हुआ। इस संबंधी उनको सड़कों पर धरने भी लगाने पड़े। लगातार कई वर्ष की जद्दोजहद के पश्चात 2017 के विधान सभा चुनावों से पहले यह रजबाहा नया बनने का काम शुरू हुआ तो उनको उम्मीद जगी थी, कि अब हमारे गांव की टेल का पानी पूरा हो जाएगा परंतु निर्माण मुकम्मल होने के बाद हमारे सभी सपने अधूरे रह गए।
इस रजबाहे के नया बनने से रजबाहे के दूसरे ओर के गांवों को ही लाभ हुआ परंतु हमारा गांव उसी प्रकार ही पानी की कमी से जूझ रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि इस रजबाहे के कुछ मोघे भी लोगों ने तोड़े हुए हैं, कइयों ने अवैध पाइपें लगा रखी हैं। इस संबंधी नहरी अधिकारियों के अतिरिक्त वे डी.सी. साहिब को भी ज्ञापन दे चुके हैं। डी.सी. द्वारा नायब तहसीलदार अरनीवाला, सहायक विकास अधिकारी व सिंचाई विभाग के उप मंडल अधिकारियों पर आधारित चार मैंबरी कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने नहर का मुआयना करने के बाद रिपोर्ट डी.सी. साहिब को भेज दी थी परंतु इस रिपोर्ट पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, मामला उसी तरह ही है।
ऐसे हालात रहे तो करेंगे खुदकुशी
उपरोक्त टेल के हिस्सेदार किसानों ने भरे मन से कहा अगर हमारी यही हालत रही तो हमारे हालात भी खुदकुशी करने के बन सकते हैं। देखने को भले हम अमीर लगते हैं परंतु हमारी माली हालत कमजोर है। फसल की बिजाई के खर्चे पूरे नहीं हो रहे, रेट पहले की सरकार जरूरत से कम दे रही है।
हैड पर रहते किसानों का पक्ष
इस रजबाहे के हैड पर खेती करते किसानों जसवंत सिंह बराड़, दर्शन सिंह, जोगिन्द्र सिंह, कर्म सिंह आदि से जब इस संबंधी बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी किसानों के अधिकार बराबर हैं, सब को अपना पूरा अधिकार मिलना चाहिए। उनके अनुसार रजबाहा नया बन जाने के उपरांत इसका लैवल ऊंचा हो गया, जबकि इसमें से निकलती कस्सी के हैड पहले वाले लैवल पर ही हैं।