Edited By Updated: 07 Nov, 2016 04:28 PM
नहरी पानी व बिजली की कमी की वजह से गेहूं व धान जैसी परंपरागत खेती लगभग चौपट हो चुकी है वहीं रासायनिक खादों के अत्यधिक प्रयोग की वजह से किसानों को अच्छी पैदावार नहीं मिल रही है।
होशियारपुर (अमरेन्द्र): नहरी पानी व बिजली की कमी की वजह से गेहूं व धान जैसी परंपरागत खेती लगभग चौपट हो चुकी है वहीं रासायनिक खादों के अत्यधिक प्रयोग की वजह से किसानों को अच्छी पैदावार नहीं मिल रही है।
रही सही कसर अक्सर कभी सूखा तो कभी बेमौसमी बारिश का पानी खेतों में खड़ी फसलों को बर्बाद कर पूरा कर दे रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को छोटी मोटी नौकरी के सिवाय कोई चारा नहीं रह गया है। इन हालात में किसान भी पारम्परिक खेती को छोड़कर वैकल्पिक खेती की तलाश में होशियारपुर के आसपास के गांवों के कई प्रगतिशील किसान शाकाहारी लोगों की खास पसंद माने जाते मशरूम की खेती को प्राथमिकता देने लगे हैं।