Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 10:52 AM
माडल टाऊन श्मशानघाट के समीप रविवार को लगने वाली किसान मंडी पर रोक लगाने के बाद मंडी के सब्जी विक्रेताओं ने अर्बन एस्टेट फेस-2 की मार्कीट में डेरा जमा लिया है।
जालंधर (चोपड़ा): माडल टाऊन श्मशानघाट के समीप रविवार को लगने वाली किसान मंडी पर रोक लगाने के बाद मंडी के सब्जी विक्रेताओं ने अर्बन एस्टेट फेस-2 की मार्कीट में डेरा जमा लिया है। शहर के पॉश इलाके के 62 एकड़ एरिया में पुडा द्वारा बनाई मार्कीट में अब सैंकड़ों की तादाद में सब्जी, बर्तन, कपड़े व अन्य साजो-सामान की फडिय़ां लगाकर बिक्री होती है।
उल्लेखनीय है कि विगत कई वर्षों से रविवार को श्मशानघाट के सामने हर रविवार को लगने वाली मंडी को नगर निगम ने जबरन हटवा दिया था जिसके उपरांत सब्जी विक्रेताओं ने संघर्ष का मार्ग अपनाया और नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन भी किए। इस दौरान अधिकारियों से उनके कारोबार को न उजाड़े जाने की गुजारिश भी की गई जिसके उपरांत निगम ने श्मशानघाट के सामने ही सीवरेज बोर्ड की जमीन पर मंडी लगाने की मंजूरी दी थी, परंतु पिछले कुछ सप्ताह से सीवरेज बोर्ड की जमीन की बजाय अब विक्रेताओं ने अर्बन एस्टेट का रुख कर लिया है। जिस स्थान पर अब मंडी लग रही है वहां पर पुडा ने कुछ शापिंग बूथ भी काटकर बिक्री किए हुए हैं जिनका अभी निर्माण नहीं हुआ है। इसके अलावा इस जमीन पर एक अनडिवैल्प पार्कभी है।
अर्बन एस्टेट फेस-2, पंजाब एवेन्यू, 66 फुट रोड पर बनी दर्जनों कालोनियों को शहर से जोडऩे के लिए उक्त सड़क मुख्य संपर्क मार्ग है परंतु यहां मंडी लगने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सब्जी वगैरह खरीदने के लिए आने वाले ग्राहक अपने वाहन आड़े-तिरछे खड़े करके खरीदारी को चले जाते हैं जिस कारण सड़क पर वाहनों की लम्बी कतारें लग जाती हैं जिससे सैंकड़ों राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इलाका निवासियों करण बीर, रवि वर्मा, दीपक चोपड़ा, संजीव कुमार, जतिन्द्र सिंह व अन्यों ने कहा कि रविवार को करीब सारा दिन इस सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है। मंडी लगने के अगले दिन उक्त स्थान पर गली-सड़ी सब्जियों व गंदगी के बड़े-बड़े ढेर लग जाते हैं जिससे उठने वाली बदबू से वहां से गुजरना तक मुश्किल हो जाता है। उक्त लोगों ने निगम अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि पॉश व रिहायशी एरिया से मंडी को किसी उपयुक्त स्थान पर शिफ्ट किया जाए ताकि जहां सब्जी विक्रेताओं के धंधे पर बुरा असर न पड़े और लोगों को भी हो रही परेशानियों से निजात मिल सके।