Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 02:00 PM
गांव नरूआना और गुरूसर सैणेवाला गांवों के बीच बुर्जी नंबर 61 और 62 के बीच गुरूसर सैणेवाला की तरफ बठिंडा रजबाहे में सुबह अचानक 20 फुट चौड़ी दरार पड़ गई। जिस कारण गेहूं की फसल में पानी भर गया। किसानों ने खुद रजबाहे की दरार को भरा।
संगत मंडी(मनजीत): गांव नरूआना और गुरूसर सैणेवाला गांवों के बीच बुर्जी नंबर 61 और 62 के बीच गुरूसर सैणेवाला की तरफ बठिंडा रजबाहे में सुबह अचानक 20 फुट चौड़ी दरार पड़ गई। जिस कारण गेहूं की फसल में पानी भर गया। किसानों ने खुद रजबाहे की दरार को भरा।
जानकारी अनुसार किसान सुखदर्शन सिंह लोधी की जमीन में अचानक रजबाहा टूट गया जिस कारण सुखदरशन सिंह लोधी, मनजिन्दर सिंह उर्फ पप्पी नरूआना और भाग सिंह के खेत में पानी भर गया। रजबाहा टूटने का जब दोनों गांवों के किसानों को पता लगा तो उन्होंने वहां पहुंच खुद दरार को भरा। उन्होंने आरोप लगाया कि तब तक कोई भी नहरी विभाग से मौके पर नहीं पहुंचा। किसानों ने बताया कि यदि गेहूं में से जल्दी पानी बाहर न निकाला गया तो गेहूं की फसल बर्बाद हो जाएगी।
13 बार टूट चुका है रजबाहा
किसानें ने बताया कि रजबाहा लगभग 40 साल पहले बना है। बुर्जी नंबर 61 और 62 के बीच रजबाहे की लाइनिंग इस कद्र खस्ता हो चुकी है कि 100 मीटर के दायरे में 13 बार टूट कर किसानों की फसलें खराब कर चुका है। आधी दर्जन के करीब तो रजबाहा कांग्रेस के समय में ही टूट चुका है परंतु विभाग की तरफ से लाइनिंग की मुरम्मत करवाने की जहमत तक नहीं उठाई गई।
क्या कहते हैं विभाग के जे. ई कुनाल धिंगड़ा
इस संबंधित विभाग के जे.ई.कुनाल धिंगड़ा के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि रजबाहे की हालत काफी खराब हो चुकी है जो टूटने की वजह बनी। उन्होंने बताया कि मौसम खराब होने के कारण किसानों की तरफ से गेहूं की फसल को पानी लगाने की बजाए मोघे बंद कर दिए जाते हैं जिस कारण रजबाहे में पानी का बहाव अधिक है जो कि रजबाहे के टूटने का कारण बनती है।
वहीं गांव कोटगुरू और घुद्दा के बीच पड़ती कसी में सुबह समय अचानक 30 फुट की दरार पड़ गई जिस कारण 30 एकड़ के करीब गेहूं की फसल में पानी भर गया। किसानों ने हैड से कसी में जाते पानी को बंद करके दरार को दबाया गया। नहरी विभाग के जे.ई प्रदीप कुमार के साथ बात की तो उन्होंने कहा कसी के टूटने का कारण कसी में ज्यादा घास फूस का उगना है। उन्होंने बताया कि कसी की सफाई करने वाली है। उन्होंने कहा कि कसी 7, 8 बुर्जियों तक पुरानी है जबकि आगे नई बनाई गई है, जो आगे नई बनी है उसे ऊंचा उठा कर बना दिया जिस कारण पीछे पानी ओवरफलों होने के कारण कसी टूट जाती है।