Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 10:31 AM
विभिन्न किसान यूनियनों की ओर से अपनी मांगों को लेकर फगवाड़ा से जालंधर रोड पर विशेषकर चहेड़ू ब्रिज पर 15 नवम्बर को तय विरोध प्रदर्शन के बीच कानून व्यवस्था बिगडऩे व जान-माल की हानि की आशंका को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की...
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): विभिन्न किसान यूनियनों की ओर से अपनी मांगों को लेकर फगवाड़ा से जालंधर रोड पर विशेषकर चहेड़ू ब्रिज पर 15 नवम्बर को तय विरोध प्रदर्शन के बीच कानून व्यवस्था बिगडऩे व जान-माल की हानि की आशंका को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। अराइव सेव सोसायटी की ओर से इसके प्रैजीडैंट हरमन सिद्धू ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, डी.जी.पी. पंजाब, एस.एस.पी. कपूरथला, डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट कपूरथला, डिवीजनल कमिश्नर, जालंधर, दोआबा संघर्ष कमेटी, भाकियू (कादियान ग्रुप), माझा संघर्ष कमेटी, जम्हूरी किसान सभा व किसान संघर्ष कमेटी (पिद्दी ग्रुप) को पार्टी बनाया है।
हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान मामले में प्रतिवादी पक्ष के रूप में केंद्र सरकार, पंजाब सरकार व अन्यों को 15 नवम्बर के लिए नोटिस जारी किया है। वहीं किसान यूनियनों को दस्ती नोटिस जारी किए गए हैं। पंजाब के ए.जी. ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि यदि किसान यूनियनों के वैध सदस्य मंगलवार को शाम 5 बजे तक डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट कपूरथला को प्रदर्शन के लिए अन्य जगह हेतु अर्जी देते हैं तो उस पर कानून के तहत विचार किया जाएगा।
वहीं बताया गया कि डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट कपूरथला व जालंधर ने धारा-144 लगा रखी है। ए.जी. पंजाब का जवाब सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 15 नवम्बर को तय धरने, जिसमें बिना डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट, कपूरथला की मंजूरी के किसान यूनियनों द्वारा नैशनल हाईवे-1 को ब्लाक करना शामिल है, को गैर-कानूनी पाया। साथ ही कहा कि 15 नवम्बर को राज्य सरकार धारा-144 की सख्ती से पालना सुनिश्चित करेगी। केस की अगली सुनवाई बुधवार को सुबह 10 बजे तय की गई है। वहीं याचिका में मांग की गई थी कि कपूरथला व जालंधर में इंटरनैट सुविधा 2 दिन तक निलंबित रखी जाए। इस पर ए.जी. पंजाब ने आश्वासन दिया कि याची की इस मांग पर राज्य सरकार द्वारा जल्दी ही फैसला ले लिया जाएगा।