Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 04:04 PM
आर्थिक व मानसिक परेशानियों तथा कर्जे के बोझ तले दबे किसानों की तरफ से भले पूरे राज्य में ही जहरीली दवा पी कर, सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्याएं की जा रही हैं व गत डेढ़ दशक से पंजाब भर में सैंकड़ों किसान खुदकुशियां कर चुके हैं, परंतु मालवा क्षेत्र...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): आर्थिक व मानसिक परेशानियों तथा कर्जे के बोझ तले दबे किसानों की तरफ से भले पूरे राज्य में ही जहरीली दवा पी कर, सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्याएं की जा रही हैं व गत डेढ़ दशक से पंजाब भर में सैंकड़ों किसान खुदकुशियां कर चुके हैं, परंतु मालवा क्षेत्र के जिले श्री मुक्तसर साहिब के गांवों में कर्जे की मार झेल रहे किसानों और मजदूरों की तरफ से खुदकुशियां करने का सिलसिला पहले से अधिक बढ़ गया है। ‘पंजाब केसरी’ द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के अनुसार जो आंकड़े सामने आए हैं, वह बड़े चिंताजनक हैं। जहां किसानों ने खुदकुशियां की हैं, वहीं मजदूरों की संख्या उनसे भी अधिक हो चुकी है। नवंबर माह में ही जिले में 5 किसानों और मजदूरों ने खुदकुशियां की हैं।
प्राकृतिक आपदा का भी शिकार हुए किसान
एक तो किसानों को उनकी फसलों का अब तक पूरा भाव नहीं मिला और दूसरा प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होकर भी कई किसान मौत को गले लगा चुके हैं। यही नहीं कभी नहरी पानी की कमी के कारण फसलें नहीं हुईं और कभी पकी-पकाई फसल को बारिश ने बर्बाद कर दिया। खेती में प्रयोग होने वाली हर चीज किसानों को महंगे भाव मिली जिस कारण उनकी कमर टूट गई और वह किसी लायक नहीं रहे।
किसी भी राजनीतिक पार्टी ने नहीं ली सुध
भले ही मौजूदा कांग्रेस सरकार ने किसान हितैषी होकर चुनाव लड़ा था परंतु सरकार बदलने से किसानों की दशा में कोई फर्क नहीं पड़ा और किसानों द्वारा आत्महत्याएं किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। आर्थिक पक्ष से कमजोर किसानों और मजदूरों की किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अब तक सुध नहीं ली है।
क्या कर रही सरकार
मिली जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार 14 दिसम्बर से किसानों का कर्ज माफ करने की शुरुआत मालवा क्षेत्र से कर रही है और 9800 करोड़ रुपए में से 1500 करोड़ रुपए बैंकों को देने का प्रोग्राम बनाया जा रहा है परंतु इससे मामला हल नहीं होना क्योंकि किसान सिर कर्ज बहुत ज्यादा है। यह तो कोई पक्का हल ही निकालना पडऩा है जिससे खुदकुशियों के रास्ते कोई चले ही न।
जिले में 541 किसान और मजदूर अपनी जीवन लीला कर चुके हैं खत्म
यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि जिला श्री मुक्तसर साहिब के 4 विधानसभा हलके जिनमें श्री मुक्तसर साहिब, मलोट, गिद्दड़बाहा और लंबी शामिल हैं और कुल 241 गांव हैं, में 1995 से लेकर 2015 तक गत 20 वर्षों के दौरान 541 किसान और मजदूर खुदकुशियां कर चुके हैं। यह खुलासा भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ग्रुप के सीनियर नेता सुखराज सिंह रहूडिय़ांवाली ने किया। उन्होंने बताया कि यह खुदकुशियां जिले के 138 गांवों में हुई हैं। उल्लेखनीय है कि 56 गांवों में 171 किसानों ने और 82 गांवों में 370 मजदूरों ने अपने सिर चढ़े कर्जे के कारण आत्महत्याएं की हैं। वर्ष 2016 और वर्ष 2017 के आंकड़े इससे अलग हैं। ब्लाक श्री मुक्तसर साहिब में ही 90 किसान कर्जे के बोझ के कारण इस दुनिया से चले गए हैं।
पूरा कर्ज किया जाए माफ: जिलाध्यक्ष
भारतीय किसान यूनियन कादियां ग्रुप के जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह कानियांवाली ने मांग की कि सरकार अपने वायदे अनुसार किसानों और मजदूरों के पूरे कर्जे माफ करे जिससे कोई भी किसान खुदकुशी करने के लिए मजबूर न हो।