पंजाब में 10 वर्षों के दौरान 4000 किसानों व 3000 मजदूरों ने की खुदकुशी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 05:09 PM

farmer suicide case

पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री व सामाजिक विभाग के प्रभारी डा. सुखपाल सिंह ने किसान मजदूरों के कर्जों व खुदकुशियों के सही कारणों

लुधियाना (सलूजा): पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री व सामाजिक विभाग के प्रभारी डा. सुखपाल सिंह ने किसान मजदूरों के कर्जों व खुदकुशियों के सही कारणों पर चर्चा करते हुए यह खुलासा किया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 4000 किसानों व 3000 मजदूरों ने खुदकुशी की। इनमें से 63 फीसदी तो नशा नहीं करते थे और बेरोजगार भी नहीं थे। 

डा. सुखपाल ने पंजाब के 7 जिलों पर आधारित पटियाला यूनिवर्सिटी  द्वारा अभी पेश की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि 737 लोगों द्वारा खुदकुशियां की गईं। इनमें से 397 मजदूर व 340 किसान है। इससे एक बात स्पष्ट हो गई कि मजदूरों में खुदकुशियां करने का रुझान किसानों से भी बढ़ रहा है। उन्होंने खुदकुशियों के कारणों को सामाजिक नहीं बल्कि आर्थिक व राजनीतिक बताया। 

भाकियू के नेता सौदागर सिंह घुडाणी ने कहा कि लागत बढऩे से खेती घाटे में जा रही है। किसान व मजदूरों को एकजुट होकर बेहतर जिंदगी बनाने के लिए सरकार पर प्रैशर डालना चाहिए। गुरमेल सिंह कैनेडा ने अपना सुझाव दिया कि खेती के खर्चे कम क रने के लिए सांझे फार्मों की तरफ कदम बढ़ाने चाहिएं।

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