Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 01:26 PM
लंबे समय से धान की बोली न होने और मंडियों में हो रही परेशानी के चलते किसानों ने भाकियू एकता सिद्धूपुर के नेतृत्व में एस.डी.एम. कार्यालय समक्ष धरना लगाकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। देर सायं तक कोई हल न होता देख किसानों का गुस्सा भड़क उठा और...
मौड़ मंडी,(प्रवीन): लंबे समय से धान की बोली न होने और मंडियों में हो रही परेशानी के चलते किसानों ने भाकियू एकता सिद्धूपुर के नेतृत्व में एस.डी.एम. कार्यालय समक्ष धरना लगाकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। देर सायं तक कोई हल न होता देख किसानों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने नायब तहसीलदार का कार्यालय अंदर ही घेराव कर दिया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए यूनियन नेताओं बदलेव सिंह संदोहा, बलविंद्र सिंह जोधपुर, सुरजीत सिंह संदोहा, जगरूप सिंह फौजी आदि ने कहा कि किसान अपनी धान की फसल बेचने के लिए 20 दिनों से मंडियों में भटक रहे हैं जबकि प्रशासनिक व एजैंसियों के अधिकारी धान में नमी अधिक होने का बहाना बनाकर किसानों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंडियों में पड़े धान में जो नमी इस समय है उसके बराबर ही नमी शैलरों में पड़े धान में भी है जिससे स्पष्ट है कि यह नमी फसल की नहीं बल्कि मौसम खराबी के कारण है।
उन्होंने कहा कि कुछ शैलर मालिक अपने शैलरों में किसानों का धान इसी तरह लगवाने के लिए तैयार हैं परंतु प्रशासनिक अधिकारी जानबूझकर उनकी समस्या का हल नहीं कर रहे जिस कारण किसानों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ रही है। किसानों की देर सायं तक कोई सुनवाई न होने के कारण आखिर किसानों ने नायब तहसीलदार कमलदीप सिंह गोल्डी का कार्यालय में ही घेराव कर प्रदर्शन शुरू कर दिया और भारी गिनती में किसान कार्यालय के घेराव पर बैठ गए।
काफी देर तक जब किसानों की किसी ने कोई बात नहीं सुनी तो उन्हें शक हुआ कि नायब तहसीलदार कार्यालय में है भी या नहीं, जब किसानों ने कार्यालय में जाकर देखा तो पता चला कि नायब तहसीलदार कार्यालय की पिछली खिड़की से निकलकर भाग गया है। नायब तहसीलदार के कार्यालय की खिड़की जरिए चले जाने के बाद किसानों को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष बलदेव सिंह संदोहा ने कहा कि प्रशासन का इस तरह भागना किसानों के संघर्ष की जीत है। इस संबंधी जब डी.एम. पंजाब एग्रो से फोन पर बातचीत करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।