Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Sep, 2017 11:01 AM
बारिश के कारण हुई परेशानी के बाद तीसरे दिन फिर 7 किसान संगठनों ने हजारों की संख्या में इकट्ठे होकर धरने दौरान नारेबाजी की जिसकी गूंज मोती महल तक गूंजी।
पटियाला (जोसन,बलजिन्द्र,परमीत,राणा): बारिश के कारण हुई परेशानी के बाद तीसरे दिन फिर 7 किसान संगठनों ने हजारों की संख्या में इकट्ठे होकर धरने दौरान नारेबाजी की जिसकी गूंज मोती महल तक गूंजी।
इस प्रदर्शन के दौरान यहां मानसा जिले का एक किसान शहीद हो चुका है। वहीं तरनतारन जिले के गांव सभरा की किसान संघर्ष कमेटी पंजाब का वर्कर भी घायल हुआ है। पंजाब भर के किसानों में कैप्टन सरकार के खिलाफ गुस्से की लहर फैल चुकी है। किसान नेताओं ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र की सरकार का किसानी कर्जे संबंधी लिया फैसला ऋणी किसानों की असली हालत से कोसों दूर है। किसानों के समूचे कर्जे के खात्मे तक आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
मक्का, बासमती, आलू, मटर, सूरजमुखी समेत सब फसलों के भाव और खरीद की गारंटी सरकार दे। आबादकार किसानों को हर तरह की जमीनों के मालिकाना हक देने का सरकार ऐलान करे। आवारा पशु किसानों की फसलों की बर्बादी कर रहे हैं। सरकार तुरंत इनका प्रबंध करे। यदि सरकार 200 रुपए प्रति किं्वटल धान पर बोनस नहीं देगी तो किसान मजबूरन पराली को आग लगाएंगे।
इस अवसर पर किसान संघर्ष समिति पंजाब के नेता कन्वीनर कंवलप्रीत सिंह पन्नू, भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के उप-प्रधान गुरदीप सिंह रामपुर, बी.के.यू. एकता उगराहां के उप-प्रधान झंडा सिंह जेठूके, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के सुरजीत सिंह फूल, कामगार किसान यूनियन के हरमेश सिंह ढेसी नवांशहर, क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के प्रधान शिन्द्र पाल सिंह के.यू. भी उपस्थित थे।