Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 12:43 PM
एन.एच. 15 हेतु एक्वायर की गई जमीन के मुआवजे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को पीड़ित लोगों ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें योग्य
भटिंडा (परमिंद्र): एन.एच. 15 हेतु एक्वायर की गई जमीन के मुआवजे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को पीड़ित लोगों ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें योग्य मुआवजा न दिया गया तो वे संघर्ष करने को मजबूर हो जाएंगे।
पत्रकारों को संबोधीत करते हुए गोनियाना कमेटी के अध्यक्ष अजमेर सिंह धालीवाल ने कहा कि 2013 में उक्त जगह एक्वायर करने का नोटीफिकेशन जारी किया गया था जबकि 2014 के दौरान अवार्ड सुनाकर पीड़ित लोगों को मई 2015 में मुआवजा देकर सड़क पर कब्जा ले लिया गया था। उस समय कुछ पीड़ित लोगों को उनके सारे रकबे का मुआवजा नहीं मिला था। अब प्रशासन ने 2017 में बाकी बचे रकबे का मुआवजा 2014 की राशि पर ब्याज के साथ देने के बजाय सप्लीमैंटरी अवार्ड के तहत मुआवजे की राशि में बड़ी कटौती कर दी है।
इससे संबंधित लोगों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि सरकार खुद उसी जगह की कमर्शियल रजिस्ट्री करवाती है लेकिन लोगों की उसी जगह को कमर्शियल मानने से इंकार कर रही है। उन्होंने कहा कि अफसरशाही की ओर से 428 करोड़ की मांग की गई थी लेकिन लोगों को 107 करोड़ ही वितरित किया जाना है व बाकी 321 करोड़ किस अधिकारी की जेब में डाला जाना है। उन्होंने मांग की कि उक्त अवार्ड तुरंत रद्द करके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा न हुआ तो लोग जल्द ही संघर्ष की अगली रणनीति तैयार करके अपने हकों के लिए आवाज बुलंद करेंगे।