Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Aug, 2017 10:02 AM
पंजाब बॉर्डर एरिया किसान वैल्फेयर सोसायटी (रजि.) द्वारा आज पंजाब प्रधान रघबीर सिंह भंगाला के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के बाहर रोष
फिरोजपुर (कुमार): पंजाब बॉर्डर एरिया किसान वैल्फेयर सोसायटी (रजि.) द्वारा आज पंजाब प्रधान रघबीर सिंह भंगाला के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के बाहर रोष धरना दिया गया और मांग की कि पंजाब भर के सीमावर्ती किसानों को माननीय सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार तुरंत बनाता मुआवजा दिया जाए।
पंजाब प्रधान रघबीर सिंह भंगाला, सुरजीत सिंह भूरा, हरिचंद बहादुर के, हरजीत सिंह, ढोला माही जिला फिरोजपुर प्रधान आदि ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि 1947 में भारत-पाक बंटवारा होने के कारण 553 किलोमीटर लम्बी सरहद 220 गांवों को बर्बाद करने का कारण बनी और 1990 में सरहद पर कंटीली तार लगाने के कारण 21 हजार 600 एकड़ जमीन तार के अंदर आने के कारण बंजर हो गई। एल.पी.ए. नं. 35-2012 के अनुसार सरहदी किसानों की यह जमीन अदालत द्वारा प्रतिबंधित खेती वाली जमीन घोषित की गई है जो कि बी.एस.एफ. के कंट्रोल में है। उन्होंने बताया कि माननीय पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी द्वारा जायजा लिया और उसकी सिफारिश पर 14 मार्च 2014 को प्रभावित हुए पंजाब के 6 सीमावर्ती जिलों के किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ हर साल एग्रीकल्चर इंडैक्स के अनुसार बढ़ौतरी करके देना मंजूर किया था और 8 मार्च 2016 को डाले गए इन क्लेमों के तहत नोटीफिकेशन को जारी कर दिया गया था।
10 अक्तूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने ट्रिब्यूनल को सही करार देते हुए केन्द्र सरकार को 4 सप्ताह के अंदर इन किसानों के केस निपटाने के आदेश दिए। किसान नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पंजाब के 6 सीमावर्ती जिलों के किसानों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार मुआवजा देने के लिए 10 करोड़ 25 लाख रुपए भेज दिए गए और बाकी के 10 करोड़ 25 लाख रुपए सत्ता में रही पंजाब की बादल सरकार ने देने थे। बादल सरकार ने केन्द्र से मिले पैसे किसानों को नहीं दिए और अन्य कार्यों पर खर्च कर दिए। उन्होंने कहा कि जो चैक कुछ किसानों को दिए गए थे वे कैश नहीं हो सके और आज भी किसान वे चैक हाथों में लिए घूम रहे हैं। पंजाब बॉर्डर एरिया किसान वैल्फेयर सोसायटी के पदाधिकारियों ने कमिश्नर को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नाम मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि पंजाब के 6 जिलों के 220 सरहदी गांवों के तार के पार रहते किसानों को तुरंत माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार अब तक के बनते मुआवजे की राशि दी जाए।