Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 09:46 PM
जिला बरनाला के किसानों को खुश....
बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): जिला बरनाला के किसानों को खुशहाली का प्रतीक कहा जाता था परंतु गत 3-4 माह से तो जिले के किसानों को नजर ही लग गई है। गत रात्रि फिर से एक किसान ने कर्जे के बोझ से तंग आकर रेल गाड़ी के नीचे आकर आत्महत्या कर ली। 4 माह में यह 11वें किसान ने मौत को गले लगाया लिया है। वर्णनीय है कि जिला बरनाला बहुत ही छोटा जिला है जिसकी कुल जनसंख्या 6 लाख 34 हजार के करीब है। लगभग 35 प्रतिशत लोग ही किसानी के धंधे से जुड़े हुए हैं परंतु फिर भी 11वें किसान की ओर से आत्महत्या करना चिन्ता का विषय है।
6 लाख का कर्जा व पूरी जमीन भी रखी थी गिरवी
मृतक किसान रणजीत सिंह पुत्र मघर सिंह वासी सेखा के पास 4 एकड़ जमीन थी। चारों एकड़ जमीन उसने कर्ज के कारण गिरवी रख दी परंतु फिर भी कर्जा न उतरा। उस पर दो बैंकों का 6 लाख का कर्जा था। उसके 3 बच्चे थे। कर्ज के कारण रणजीत सिंह परेशान रहने लगा। इंकम का कोई साधन न रहने के कारण कर्जा उतरने की उम्मीद भी समाप्त हो गई। इसी बोझ के कारण उसने गत रात्रि गांव झलूर के फाटकों के नजदीक रेल गाड़ी के नीचे आकर आत्महत्या कर ली।
गांव वासियों ने मृतक किसान की बेटी को सरकारी नौकरी देने की मांग की
गांव सेखा के सरपंच गुरचेत सिंह, मेजर सिंह, विरसा सिंह आदि ने पंजाब सरकार से मांग की कि मृतक किसान रणजीत सिंह का पूरा कर्जा माफ किया जाए। मृतक किसान की 2 बेटियां व 1 छोटा बेटा है। मृतक किसान की बड़ी बेटी की आयु लगभग 20 वर्ष व पढ़ी-लिखी है। उनकी पंजाब सरकार से मांग है कि मृतक किसान की बेटी को सरकारी नौकरी दी जाए ताकि वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके।