Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Sep, 2017 09:13 AM
ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से फसलों के अवशेष को आग लगाने से रोकने के लिए गए फैसले को जहां पंजाब सरकार लागू करने के लिए तत्पर दिखाई दे रही है
नत्थूवाला गर्बी(राजवीर): ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से फसलों के अवशेष को आग लगाने से रोकने के लिए गए फैसले को जहां पंजाब सरकार लागू करने के लिए तत्पर दिखाई दे रही है, वहीं विभिन्न किसान जत्थेबंदियां भी सरकार के साथ इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लडऩे का मन बनाए बैठी हैं। इसको लेकर विभिन्न किसान जत्थेबंदियों की ओर से गांवों में बैठकें की जा रही हैं।
इसी कड़ी के तहत भाकियू (कादियां) की ओर से नजदीकी गांव भलूर के गुरुद्वारा नानकसर सरोवर साहिब में किसान नेता सुखमंदर सिंह उगोके प्रदेश उपाध्यक्ष, गुरदर्शन सिंह कालेके ब्लाक अध्यक्ष बाघापुराना के नेतृत्व में बैठक की गई। इस दौरान नेताओं ने कहा कि ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले का वे स्वागत करते हैं। साफ वातावरण सभी के लिए जरूरी है लेकिन पंजाब सरकार इसको इन-बिन लागू करे। उन्होंने बताया कि ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि किसानों को सरकार की ओर से 10 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाना है।
इसके अलावा 10 साल के लिए बिना ब्याज के किसानों को औजार खरीदने के लिए भी सहायता दी जाए लेकिन पंजाब सरकार इन बातों की तरफ ध्यान देने की बजाय किसानों को पर्चे दर्ज करने की धमकियां दे रही है। उन्होंने कहा कि धान की पराली को आग लगाना उनकी मजबूरी है। किसानों ने कहा कि सरकार 10 हजार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा तुरंत जारी करे, नहीं तो पंजाब के सभी किसान एक ही दिन पराली को आग लगाएंगे। इस अवसर पर त्रिलोचन सिंह समाधभाई, बलविन्द्र सिंह पूर्व पंच भलूर ने भी अपने-अपने विचार सांझे किए।