Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 11:24 AM
हर वर्ष 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं परंतु देश की आजादी के लिए कुर्बानियां देने वाले वीरों के परिवारों का कहना है कि सरकार उन्हें भूल गई है।
मलोट (जुनेजा): हर वर्ष 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं परंतु देश की आजादी के लिए कुर्बानियां देने वाले वीरों के परिवारों का कहना है कि सरकार उन्हें भूल गई है। देश की आजादी के लिए किए गए किसान आंदोलन दौरान कई माह लाहौर की जेल काटने वाले व अब उप मंडल मलोट के गांव शामखेड़ा में रह रहे स्वतंत्रता सेनानी मुनशा सिंह के परिवार में रोष है कि सरकार ने उनके परिवार को अनदेखा किया है।
मुनशा सिंह के पौत्र केवल सिंह ने कहा कि उन्हें फख्र है कि उनके दादा ने देश के लिए जेल काटी व अंग्रेजी हकूमत के छक्के छुड़ा दिए परंतु उन्हें मान-सम्मान न मिलने का अफसोस है। परिवार के अनुसार सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में मुनशा सिंह का नाम शामिल करके पत्र उन्हें भेजा था परंतु बाद में केन्द्र व राज्य सरकार ने मुनशा सिंह व परिवार को सरकारी सुविधाएं नहीं दीं। उन्होंने कई बार सरकारों को पत्र लिखे परंतु किसी का कोई जवाब नहीं आया। अब परिवार सरकार द्वारा उनके प्रति दिखाई जा रही बेरुखी से बेहद दुखी है।