Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 02:30 PM
सवाचार महीने पहले अमृतसर की रहने वाली भोली (45) की फूड पाइप में डेंचर (नकली दांतों की बत्तीसी) अटक गई थी।
जालंधरः सवाचार महीने पहले अमृतसर की रहने वाली भोली (45) की फूड पाइप में डेंचर (नकली दांतों की बत्तीसी) अटक गई थी। कुछ साल पहले पति को खो चुकी भोली बमुश्किल दो बेटियों और बेटे की परवरिश कर रही थी। मां के अचानक बीमार पड़ने पर बड़ी बेटी कोमल ने इलाज करवाने की हरसंभव कोशिश की। एक महीने तक अमृतसर और फिर पी.जी.आई. चंडीगढ़ भी लेकर गई पर मां की हालत सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गई।
करीब एक दर्जन अस्पतालों में भटकने के बाद मां को कोमल जालंधर लेकर आई जहां चार डॉक्टरों की टीम ने बेटी के संघर्ष को देख बिना फीस इलाज का फैसला लिया। बेटी के संघर्ष और डॉक्टरों की मदद के चलते भोली सवा चार महीने बाद ठीक हो पाई है। क्रिटिकल सर्जरी का खर्च डॉ. कंवलजीत सिंह और सोशल मीडिया पर मौजूद उनके साथियों ने उठाया।
सर्जरी को अंजाम देने के लिए डॉ. सिंह की टीम में एनेस्थेटिस्ट डॉ. संजीव गुप्ता, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. रजनीश कांत नागपाल और गायनिकॉलोजिस्ट डॉ. निवेदिता सिंह भी शामिल थे। किसी भी डॉक्टर ने इलाज के लिए कोई फीस मरीज के परिवार से नहीं ली।
डॉ. सिंह ने बताया कि हमने भोली की बेटी के संघर्ष को देखते हुए इलाज फ्री किया है। कुछ दिन अस्पताल में रखने के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।