ड्राइविंग लाइसैंस रिन्यू करवाने के लिए उमड़ा युवाओं का सैलाब

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 11:49 AM

facing the hassle of getting people to renew driving license

पंजाब सरकार द्वारा जिला स्तर पर स्थापित ट्रांसपोर्ट दफ्तर बंद करने के आदेश लाखों लोगों पर भारी पड़ रहे हैं। सरकार व विभाग की गलतियों का खमियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। ड्राइविंग लाइसैंस रिन्यू करवाने से वंचित लोग अढ़ाई महीने से लाइसैंस रिन्यू...

निहाल सिंह वाला/बिलासपुर(बावा/जगसीर): पंजाब सरकार द्वारा जिला स्तर पर स्थापित ट्रांसपोर्ट दफ्तर बंद करने के आदेश लाखों लोगों पर भारी पड़ रहे हैं। सरकार व विभाग की गलतियों का खमियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। ड्राइविंग लाइसैंस रिन्यू करवाने से वंचित लोग अढ़ाई महीने से लाइसैंस रिन्यू करवाने के लिए दफ्तरों के धक्के खाने के लिए मजबूर हैं। बिना लाइसैंस के ही उक्त पीड़ित लोग निजी व व्यापारिक वाहन चलाने के लिए मजबूर हैं जोकि गैर कानूनी है।

यही नहीं वाहन चलाते समय घटित होने वाली लापरवाही उन पर भारी पड़ सकती है जिसके डर के कारण सैंकड़ों लोग तो ड्राइवरी से किनारा कर घर बैठने को मजबूर हैं। सूत्रों के अनुसार पंजाब में डी.टी.ओ. दफ्तर बंद होने के बाद मोगा के डी.टी.ओ. दफ्तर का ड्राइविंग लाइसैंस का काम आर.टी.ओ. दफ्तर फरीदकोट के हवाले किया गया है लेकिन अढ़ाई महीने बीत जाने पर भी मोगा के दफ्तर का डाटा फरीदकोट दफ्तर में तबदील नहीं किया गया। जिस कारण ड्राइविंग लाइसैंस रिन्यू करवाने वाले लोग कभी मोगा तथा कभी फरीदकोट दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं।

बिना आरोप के होगा हजारों में जुर्माना
मोगा के तारीख निकलने वाले हजारों लाइसैंस धारकों को बिना आरोप के हजारों रुपए जुर्माना होगा, क्योंकि ड्राइविंग लाइसैंस की तारीख गुजरने से 1300 के करीब जुर्माना भुगतना पड़ता है। लोगों का कहना है कि विभाग व सरकार की गलती के लिए उनको क्यों बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

सरकारी दफ्तर लोगों की पहुंच से दूर ले जाने का फैसला लोक विरोधी : राजेश शर्मा
जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी द्वारा नियुक्त लीगल एड क्लीनिक माछीके के इंचार्ज एडवोकेट राजेश शर्मा ने कहा कि सरकारी दफ्तर लोगों की पहुंच से दूर ले जाने का सरकार का यह फैसला लोक विरोधी है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार को लोगों की परेशानी रोकने के लिए कोई अन्य प्रबंध करने चाहिए।

लोगों की परेशानी में होगी और वृद्धि 
जहां पंजाब कानूनी सेवाएं अथारिटी द्वारा भारत के संविधान की हिदायतों अनुसार न्याय प्रणाली लोगों के नजदीक लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि हर कोई सरकारी सहूलियतों का लाभ उठा सके तथा हकों से वंचित न रहे, वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार द्वारा सरकारी दफ्तर लोगों के नजदीक लाने की बजाय और दूर किए जा रहे हैं जिससे लोगों की परेशानी में और वृद्धि होगी।  
 

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