सड़कों पर उतरे सुविधा कर्मचारी,सरकार खिलाफ नारेबाजी

Edited By Updated: 06 Dec, 2016 09:15 PM

facility staff protest against punjab govt

पंजाब स्टेट सुविधा कर्मचारी यूनियन द्वारा पिछले 91 दिनों से लगातार...

जालंधर(अमित): पंजाब स्टेट सुविधा कर्मचारी यूनियन द्वारा पिछले 91 दिनों से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल जारी है। इसी कड़ी में मंगलवार को सुविधा सैंटर कर्मचारियों ने डी.सी. दफ्तर के सामने प्रदेश सरकार के खिलाफ तीखा रोष-प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार का पुतला भी फूंका। इस दौरान यूनियन ने कुंभकर्णी नींद सो रही सरकार को जगाने के लिए पूरे प्रदेश से बहुत बड़ी गिनती में सुविधा कर्मचारी अपने परिवारों और बच्चों के साथ धरने में शामिल हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सरकारी की विरोधी नीतियों को कोसा। इस दौरान उन्होंने डी.सी. कमल किशोर यादव के पास जाकर ज्ञापन सौंपा और सरकार के पास उनकी आवाका पहुंचाने की गुहार लगाई।

 

ज्ञापन में सुविधा कर्मचारियों द्वारा प्रदेश सरकार और प्रशासन से अपील की गई है कि उनकी मांगों को जायका मानते हुए जल्द से जल्द प्रवान किया जाए और 1100 मुलाकिामों को रेगुलर करके नौकरी पर दोबारा बहाल किया जाए। और अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो आने वाले समय में यूनियन को संघर्ष करना होगा। जिसकी वजह से कोई असुखद घटना होती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और प्रशासन के प्रमुखों की होगी। यूनियन प्रतिनिधियों ने डी.सी. से सी.एम. के साथ पैनल मीटिंग का समय लेकर देने की मांग की, जिसके उपरांत डी. सी. ने उन्हें आश्वासन दिया कि 2 बजे तक वह इस संबंधी ठोस जवाब दे देंगे। दोपहर को ए.डी.सी.पी. रविंदरपाल सिंह संधू द्वारा यूनियन के नाम एक लिखित पत्र सौंपा गया जिसमें स्पष्ट किया गया कि 12 दिसंबर, 2016 को सुबह 11 बजे चंढीगड़ में सी.एस. आवास पर उनकी एक पैनल मीटिंग तय की गई है। जिसमें वह अपनी मांगे सी.एम. के सामने रख सकते हैं। 


पैनल मीटिंग की मांग स्वीकार किए जाने पर यूनियन ने प्रशासन को आश्वासन दिया कि धरना जारी रहेगा मगर 12 दिसंबर तक किसी प्रकार का कोई रोष प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। सुविधा स्टाफ का कहना है कि उन्होंने सब्जियां तक बेची, बूट पालिश किए, पैम्फलेट बांटे, ठेकेदारी प्रथा का रावण जलाया मगर सरकार के ऊपर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की तरफ से सुविधा मुलाकिामों को अपना पूर्ण समर्थन देने की बात कही जा रही है, मगर अभी भी मुलाकिामों को अकाली-भाजपा गठबंधन से पूरी उम्मीद है कि वह उनकी जायज मांगों को अवश्य पूरा करेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि आकादी संघर्ष जिसका बिगुल 1857 में झांसी से शुरू हुआ था, उसी संघर्ष की तर्का पर सुविधा मुलाकिामों ने अपनी आखिरी सांस तक अपने संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया है, और कहा कि वह मुलाजिम विरोधी नीती का डटकर सामना करेंगे और प्रदेश सरकार को एक-न-एक दिन उनके जज्बे के आगे झुकने पर मजबूर होना ही पड़ेगा। 


प्रधान राजीव गुप्ता के निधन का यूनियन को लगा गहरा सदमा
पंजाब स्टेट सुविधा कर्मचारी यूनियन के प्रधान राजीव गुप्ता का गत दिवस निधन हो गया। जिसका पूरी यूनियन को गहरा सदमा लगा है। प्रैस के नाम जारी एक विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी देते हुए यूनियन प्रतिनिधियों ने बताया कि सुविधा कर्मचारियों ने उनकी आत्मिक शांती के लिए दो मिनट का मौन धारण किया और साथ ही सरकार से मांग रखी है कि उनकी कुर्बानी को सार्थक करते हुए उनके पारीवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए। यूनियन का कहना है कि राजीव गुप्ता ने अपनी कड़ी मेहनत और सुलझे हुए व्यक्तित्व के साथ यूनियन को बुलंदियों तक पहुंचाया। 
 

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