Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 12:09 PM
पीरु बंदा मोहल्ला में चर्च के बाहर पादरी की नकाबपोशों द्वारा की गई हत्या के बाद सख्ती बरतते हुए पुलिस कमिश्नर आर.एन. ढोके ने सभी अधिकारियों
लुधियाना(ऋषि): पीरु बंदा मोहल्ला में चर्च के बाहर पादरी की नकाबपोशों द्वारा की गई हत्या के बाद सख्ती बरतते हुए पुलिस कमिश्नर आर.एन. ढोके ने सभी अधिकारियों और थाना प्रभारियों के साथ की मीटिंग में रूमाल बांधकर वाहन चलाने वालों परसख्ती बरतने के आदेश दिए थे। इसके बाद थाना पुलिस ने तुरंत हरकत में आकर वाहन चालकों पर शिकंजा कसते हुए मामले दर्ज करने शुरू कर दिए। कमिश्नरेट पुलिस की तरफ से आज से पहले कभी भी एक साथ इतनी एफ.आई.आर. नहीं की गई थी।
1 दिन में 41 एफ .आई.आर.
कमिश्ररेट पुलिस की तरफ से शनिवार को सड़कों पर मुंह बांधकर दोपहिया वाहन चलाने के आरोप में कुल 41 एफ.आई.आर. दर्ज कर 42 लुधियानवियों को नामजद किया गया। इनमें एक महिला चालक भी थी। सभी खिलाफ 188 आई.पी.सी. के तहत केस दर्ज किया गया और मौके पर जमानत लेकर छोड़ दिया गया।
क्या है धारा 188?
पुलिस कमिश्नर की तरफ से अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए लगाए जाने वाले पाबंदी के बाद आदेशों की पालना करने की बजाय उल्लंघना करने वाले व्यक्ति पर आई.पी.सी. की धारा 188 के तहत एफ .आई.आर. दर्ज की जाती है, कमिश्नर की तरफ से लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए पाबंदी लगाई जाती है।
जुर्माना या हो सकती है सजा
एफ.आई.आर. दर्ज कर चाहे पुलिस की तरफ से मौके पर ही आई.डी. प्रूफ और जमानत देने आए व्यक्ति के आई.डी. प्रूफ लेकर छोड़ दिया जाता है, लेकिन बाद में केस कोर्ट में चला जाता है जहां पर अदालत की तरफ से 200 रुपए तक जुर्माना या फिर 1 महीने तक की सजा सुनाई जा सकती है।