Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 01:46 PM
बहुचर्चित बहबल कांड मामले की जांच के लिए यहां पहुंचे जस्टिस रणजीत सिंह ने सॢक ट हाऊस फरीदकोट में इस कांड से संबंधित व्यक्तियों से मिलने उपरांत उनके बयान कलमबद्ध किए।
फरीदकोट (हाली): बहुचर्चित बहबल कांड मामले की जांच के लिए यहां पहुंचे जस्टिस रणजीत सिंह ने सॢक ट हाऊस फरीदकोट में इस कांड से संबंधित व्यक्तियों से मिलने उपरांत उनके बयान कलमबद्ध किए। 3 दिन पहले जांच के लिए पहुंचे जस्टिस रणजीत सिंह की तरफ से इस कांड से संबंधित रिपोर्ट पंजाब सरकार तक निश्चित समय में सौंपे जाने का भरोसा दिया गया। अपने दौरे दौरान जस्टिस रणजीत सिंह ने कोटकपूरा, बहबल कलां और इस कांड से सबंधित अलग-अलग स्थानों का दौरा किया।
इस दौरान कमीशन के समक्ष 150 के करीब गवाहों की तरफ से अपने बयान दर्ज करवाए गए। इस मौके पर पहुंचे चश्मदीद ने बताया कि 13 अक्तूबर 2015 को फरीदकोट जिले के गांव बहबल कलां में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी विरुद्ध रोष प्रदर्शन किया जा रहा था, जिसमें अलग-अलग गांवों की संगतों की तरफ से शांतिमय धरना दिया जा रहा था।
इस दौरान पुलिस ने अचानक गोलियां चलानीं शुरू कर दीं, जिससे 2 सिख नौजवान कृष्ण भगवान सिंह और गुरजीत सिंह की मौत हो गई थी जबकि पुलिस की गोलीबारी और लाठीचार्ज में 2 दर्जन से अधिक व्यक्ति घायल हो गए थे। कमीशन को उन व्यक्तियों ने भी अपने बयान दर्ज करवाए जिनके इस दौरान ट्रैक्टर, कारें और अन्य व्हीकल क्षतिग्रस्त हो गए थे। एक चश्मदीद ने कहा कि उनके पास बहबल कलां कांड की मौके की तस्वीरें और वीडियो थीं जो एक आई.पी.एस. अधिकारी ने उनसे ले लीं।
इन्द्रजीत सिंह निवासी मानसा ने अपने बयान में 4 आई.पी.एस. अधिकारियों को गोलीकांड के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कमीशन सामने अब तक लिखित हुए बयानों में चश्मदीदों ने 5 पुलिस अधिकारियों को इस गोली कांड के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
अपने बयान दर्ज करवाने के लिए पहुंचे लोगों की तरफ से जांच में देरी होने के कारण निराशा का प्रकटावा किया गया। उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस अधिकारियों के नाम आने के कारण काफी सबूत नष्ट हो चुके हैं, जिसके साथ यह जांच सही नतीजे तक पहुंचनी बहुत मुश्किल है।