Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 06:48 PM
पंजाब विधानसभा में संपूर्ण विपक्ष ने कल के अभू...
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में संपूर्ण विपक्ष ने कल के अभूतपूर्व घटनाक्रम पर विरोध दर्ज करते हुए शुक्रवार को सदन से बहिर्गमन कर दिया। प्रश्नकाल शुरू होते ही अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के सदस्य विरोध स्वरूप काले चोगे तथा हाथों में पोस्टर लेकर सदन में दाखिल हुए।
प्रमुख विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य भी पोस्टर लहराते आए तथा विधानसभा अध्यक्ष और सरकार के रवैये के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल तथा विपक्ष के नेता एच.एस. फूलका ने कल के रवैये पर रोष प्रकट करते हुए अध्यक्ष तथा सदन के नेता से माफी मांगने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह ने उनकी बात को अनसुना करते हुए कार्यवाही जारी रखी। अकाली सदस्य उठकर आसन के समीप आकर नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। उसके थोड़ी देर बाद आप सदस्य भी नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर गए।
सुखबीर बादल ने प्रेस में पत्रकारों से कहा कि सदन लोकतंत्र का मुख्य स्तंभ होता है तथा अध्यक्ष उसका ‘संरक्षक’ होता है लेकिन पंजाब के साठ सालोंं के इतिहास में अध्यक्ष का रोल कभी ऐसा नहीं देखा कि स्पीकर ही गुंडागर्दी पर उतर आए और विपक्ष के पीछे पड़ जाए। उन्होंंने कहा कि इस स्पीकर का उसी पार्टी से संबंध है जिनकी रगों में गांधी परिवार का खून है। सरकार सोचती है कि वह विपक्ष की आवाज दबा देगी तो यह उसकी भूल होगी। सदन के बाहर उसे कोई नहीं रोक सकता। इनको विधायकों की पगड़ी उतारने तथा महिला विधायकों के साथ दुव्र्यवहार करने के लिए पंजाब की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा हमने कल आप पार्टी के सदस्यों का साथ दिया क्योंकि उनके साथ ज्यादती हो रही थी। यदि कांग्रेस के सदस्यों के साथ ऐसा होता तो हम उनके समर्थन में भी आने से पीछे नहीं हटते। हम उसूलों की लड़ाई लड़ रहे हैं। बादल ने कहा कि उनके एक दलित सदस्य के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और केस भी दर्ज करा दिया जो ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि कल के प्रकरण को लेकर कल राज्यपाल बीपी बदनौर से मिलकर अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।