Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 08:28 PM
शनिवार को महानगर के 95 वार्डों में हुए मतदान के दौरान पंजाब में पहली बार उस समय लोकतंत्र में गुंडागर्दी का नं...
लुधियाना (पंकज): शनिवार को महानगर के 95 वार्डों में हुए मतदान के दौरान पंजाब में पहली बार उस समय लोकतंत्र में गुंडागर्दी का नंगा नाच देखने को मिला, जब कई पोलिंग स्टेशनों पर लड़ाई-झगड़े व बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं खुलकर हुईं। वहीं एक ऐसा मामला सामने आया जो शायद आज पंजाब में पहली बार होने जा रहा था। इसके तहत दर्जनों नकाबपोशों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ई.वी.एम.) को लूटने का प्रयास किया गया। शिअद व लोक इंसाफ पार्टी के एकजुट हुए वर्करों ने हिम्मत दिखाते हुए नकाबपोशों पर पत्थरबाजी करके मशीनों को लुटने से बचाया।
घटना वार्ड नंबर 36 के अधीन आते प्रीत नगर स्थित निर्माण सी.सै. स्कूल में बने पोलिंग स्टेशन में उस समय हुई जब 4 बजे वोटिंग प्रक्रिया बंद हुई। इस दौरान बूथ पर तैनात पोलिंग स्टाफ ई.वी.एम. को संभालने में जुटा था कि अचानक दर्जनों नकाबपोश वहां आ धमके और स्कूल में घुसने का प्रयास किया। लेकिन समय रहते वहां तैनात पुलिस मुलाजिमों ने सभी गेट बंद कर दिए, जिससे गुस्से में आए नकाबपोशों ने स्कूल के गेटों पर पत्थर मारने शुरू कर दिए। इससे अंदर बंद पोलिंग स्टाफ व पुलिस में भय का माहौल पैदा हो गया। घटना की खबर मिलते ही शिअद व लिप के वर्कर वहां एकत्रित हो गए, जिन्होंने नकाबपोशों को भगाने के लिए पत्थरबाजी की जिससे नकाबपोश वहां से भागने के लिए मजबूर हो गए। इस दौरान वर्करों ने उनकी गाडिय़ां भी तोड़ डालीं। घटना की जानकारी मिलने पर भारी तादाद में पहुंचे पुलिस कर्मियों ने पत्थरबाजी करने वालों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें इलाके के कई आम लोग भी जख्मी हो गए।
उम्मीदवारों के आरोप-प्रत्यारोप
मौके पर पहुंचे शिअद के उम्मीदवार जगवीर सिंह सोखी व लिप के रविन्द्र कलेर ने आरोप लगाया कि उक्त नकाबपोश कांग्रेसी उम्मीदवार प्रिंस जौहर के भाई विक्की जौहर के कहने पर ई.वी.एम. उठाकर ले जाने के लिए यहां पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेताओं व उनके वर्करों ने इन चुनावों में लोकतंत्र का जमकर गला घोंटते हुए गुंडागर्दी की है, जबकि प्रिंस जौहर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अपनी हार देखकर बौखलाए शिअद व लिप के उम्मीदवार उन पर झूठे व बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
नहीं चाहिए ऐसे नेता और चुनाव
इस दौरान मोहल्ले में रहने वाले दर्जनों परिवारों ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें ऐसे नेता या चुनाव नहीं चाहिए, जिनके चलते उनकी व उनके बच्चों की जान खतरे में आ जाए। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में अपने इलाके में पोलिंग स्टेशन नहीं बनने देंगे। अगर फिर भी ऐसा हुआ तो वे वोट नहीं डालेंगे। दरअसल, नकाबपोशों द्वारा स्कूल पर किए गए हमले व उन पर हुए पत्थराव के दौरान कई परिवारों की महिलाएं व बच्चे पोलिंग बंद होने के कारण गली में ही खड़े हुए थे, जिन्हें भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। इस दौरान इलाके में कोहराम मच गया।