Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Aug, 2017 01:34 PM
केन्द्र सरकार द्वारा 1 जुलाई से देश भर में लगाए गए गुड्स एंड सॢवस टैक्स (जी.एस.टी) संबंधी एक महीना बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इस टैक्स का आम लोगों तथा व्यापारी वर्ग पर पड़े प्रभाव संबंधी पता नहीं चल सका है। अलग-अलग व्यापारियों द्वारा जी.एस.टी. के...
मोगा (ग्रोवर): केन्द्र सरकार द्वारा 1 जुलाई से देश भर में लगाए गए गुड्स एंड सॢवस टैक्स (जी.एस.टी) संबंधी एक महीना बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इस टैक्स का आम लोगों तथा व्यापारी वर्ग पर पड़े प्रभाव संबंधी पता नहीं चल सका है। अलग-अलग व्यापारियों द्वारा जी.एस.टी. के लगातार विरोध के बावजूद भी केन्द्र सरकार अपने फैसले पर पूरी तरह अडिग है।
जी.एस.टी. के चलते जहां शहर की कपड़ा मार्कीट सहित कपड़े के समूह होलसेलर लगभग 1 महीने से खाली बैठे हुए हैं, वहीं कृषि औजारों का कारोबार करने वाले इंडस्ट्रीयल, जूतों का कारोबार करने वाले, दवाई विक्रेता सहित प्रत्येक वर्ग को जी.एस.टी. की मार झेलनी पड़ रही है। सेल्स टैक्स विभाग द्वारा पहले ही इस बात का खुलासा किया जा चुका है कि मोगा जिले में जी.एस.टी. के चलते पहले वर्ष लगभग 100 करोड़ रुपए का नुक्सान होना तय है, क्योंकि मोगा जिले में एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग की वाॢषक आमदन 225 करोड़ रुपए के करीब है, जिसमें से 110 करोड़ रुपए धान व गेहूं की परचेज पर टैक्स के रूप में एकत्र होता है।
अब धान व गेहूं को टैक्स फ्री करने से विभाग की आमदन लगभग 100 करोड़ रुपए कम हो जाएगी। इसके अतिरिक्त शहर के 5200 व्यापारियों ने जी.एस.टी. नंबर प्राप्त कर लिया है, लेकिन अभी भी व्यापारियों को लोगों से टैक्स लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ‘पंजाब केसरी’ द्वारा टैक्स लागू होने के 1 महीने बाद जब जमीनी स्तर पर इस टैक्स के पड़े प्रभाव संबंधी हर वर्ग के लोगों से संपर्क किया तो यह तथ्य उभर कर सामने आया कि अभी भी टैक्स संबंधी लोगों के साथ-साथ व्यापारी वर्ग को पूरी जानकारी नहीं है। पेश हैं इस संबंधी विभिन्न शख्सियतों के विचार।
जी.एस.टी समझने में लगेगा और समय : हितेश कुमार
शहर निवासी हितेश कुमार का कहना है कि अभी जी.एस.टी. की समझ आने में लोगों को और समय लग सकता है, क्योंकि टैक्स की गतिविधियों संबंधी अभी भी व्यापारी वर्ग को समझ नहीं लगी है। उन्होंने कहा कि चाहे विभाग ने व्यापारी वर्ग को इसकी जानकारी दी है, लेकिन अभी भी जी.एस.टी. संबंधी पूरा पता व्यापारी वर्ग को नहीं चला है, जिसके कारण ग्राहकों को परेशानी हो रही है।
समूचा कारोबार 50 प्रतिशत ठप्प हुआ : भूपेन्द्र बराड़
मोगा निवासी भूपेन्द्र सिंह बराड़ ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि समूचा कारोबार 50 प्रतिशत ठप्प होकर रह गया है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. टैक्स लागू होने के बाद समूचे कारोबारियों की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि समूचे बाजार के लोग परेशान हैं। बराड़ ने कहा कि जी.एस.टी. टैक्स के कारण भविष्य में अभी कारोबार और ठप्प रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
नया कपड़ा न आने के कारण व्यापारी परेशान : छाबड़ा
कपड़ा मर्चैंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश छाबड़ा का कहना है कि जी.एस.टी. टैक्स के चलते पिछले 1 महीने से अभी तक बाजार में नए कपड़े का स्टॉक नहीं आया है, जिसके कारण बाजार का समूचा कारोबार अभी भी ठप्प पड़ा है। उन्होंने कहा कि कपड़े की मेन मार्कीट गुजरात से कपड़े का स्टॉक न आने के कारण ग्राहकों की मांग के अनुसार कपड़ा नहीं दिया जा सकता। इस कारण व्यापारी व ग्राहक परेशान हैं। छाबड़ा ने कहा कि आने वाले समय में भी स्थिति सुधरने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है।