Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 12:39 PM
हरियाली बढ़ाने के लिए अनेक संगठनों की तरफ से विभिन्न जगहों पर पौधे रोपित किए जा रहे हैं। मगर यहां के एक परिवार ने पेड़ों पर
फाजिल्का (नागपाल, लीलाधर): हरियाली बढ़ाने के लिए अनेक संगठनों की तरफ से विभिन्न जगहों पर पौधे रोपित किए जा रहे हैं। मगर यहां के एक परिवार ने पेड़ों पर शानदार कलाकृतियों के जरिए जहां लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है, वहीं पेड़ों पर सामाजिक वाक्यों के लेखन के माध्यम से लोगों को जागृत भी कर रहा है।
वे इसके माध्यम से न सिर्फ प्रकृति प्रेम की अलख जगा रहे हैं, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान को फाजिल्का जिले में अहम योगदान दे रहे हैं। पेड़ों पर पेंटिंग के जरिए लोगों को सामाजिक बुराइयों से दूर रहने और जल, पेड़, पशु, पक्षी व ऐतिहासिक इमारतें बचाने का संदेश भी दे रहे हैं।
फाजिल्का के पेड़ों पर चित्रकारी के जरिए रंगीन बनाने का बीड़ा उठाने वाले नई आबादी वासी व इतिहास पर पुस्तकें लिख चुके लछमण दोस्त व उनकी धर्मपत्नी संतोष चौधरी घर का कामकाज निपटाने के बाद फाजिल्का की विभिन्न जगहों पर पेड़ों पर पेंटिंग उकेरते नजर आते हैं। वे इस कार्य को अपना शौक और अनूठी समाज सेवा बताते हैं। वे कहते हैं कि लोग पेड़ों की सुंदरता की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं। इस कारण पेड़ों पर सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संदेश लिखे जा रहे हैं। साथ ही पर्यावरण और स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देते हैं। उनके इस कार्य में विशु तनेजा, सोनिया कंबोज सहित कई अन्य महिलाएं, युवतियां और बच्चे भी जुड़ गए हैं।
देशभक्ति पर आधारित चित्रों से देशभक्ति की भावना होती है प्रबल
नई आबादी, संजय गांधी मैमोरियल पार्क तथा सादकी सीमा चौकी पर 250 से अधिक पेड़ों पर चित्रकारी कर चुके लछमण दोस्त का कहना है कि पेड़ों पर विभिन्न जानवरों, पक्षियों के चित्र बनाए गए हैं और तरह-तरह के संदेश लिखे गए हैं, जिन्हें देखकर एक बार तो ऐसा महसूस होता है, जैसे पक्षी या जानवर पेड़ों से उतर रहे हैं। सरहद की सादकी बॉर्डर को भी रंगीन बना दिया है। वहां पेड़ों पर भारत माता, शेर, तिरंगा, भारत का नक्शा, राष्ट्रीय पक्षी व जानवरों सहित देशभक्ति पर आधारित चित्र बनाए गए हैं, जिन्हें देख कर वहां प्रतिदिन होनी वाली रिट्रीट सैरेमनी पर आने वाले लोगों में देशभक्ति की भावना अधिक प्रबल होती है।
पेड़ों और बिजली के खंभों के निकट न फैंकें कूड़ा
उन्होंने बताया कि देशभर में स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया है, लेकिन इसके बावजूद अनेक लोग ऐसे हैं जिनके द्वारा कूड़ा-कर्कट या तो पेड़ के आसपास फैंक दिया जाता है या फिर बिजली के खंभे के निकट और बाद में वह कूड़ा नालियों में चला जाता है, जिस कारण नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं और दूषित पानी सड़कों पर पहुंच जाता है। इससे अनेक बीमारियां फैलती हैं। पेड़ों और बिजली के खंभों के निकट लोग कूड़ा न फैंकें, इसलिए पेड़ों के साथ-साथ बिजली के खंभों को भी पेंट कर दिया गया है।
...ताकि लोगों में बढ़े पक्षियों व जानवरों के प्रति प्रेम
लेखिका संतोष चौधरी व विशु तनेजा ने बताया कि पेड़ों पर जिराफ, बाज, मोर, तितली, हिरण, चिडिय़ा, सितारे, फूल और फल आदि के अलावा फाजिल्का की ऐतिहासिक धरोहर घंटा घर का चित्र भी बनाया गया है ताकि लोगों में पक्षियों, जानवरों और धरोहरों के प्रति अधिक पे्रम बढ़े। इसके अलावा पेड़ों पर बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ, जल बचाओ, पेड़ न काटने और पक्षी बचाने के संदेश देते हुए चित्र बनाए गए हैं। जबकि बिजली के खंभों पर बिजली, पानी बचाने, सफाई रखने, बेटी पढ़ाने, पेड़ और पक्षी बचाने के संदेश देते हुए चित्र बनाए गए हैं।