Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 05:30 AM
पावर निगम के ‘सैप’ (सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन प्रोग्राम) में खराबी की ....
जालंधर(पुनीत): पावर निगम के ‘सैप’ (सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन प्रोग्राम) में खराबी की वजह से उपभोक्ताओं को बिजली के गलत बिल प्राप्त हो रहे हैं, जिन्हें ठीक करवाने के लिए लोगों को भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। सैप सिस्टम अपनाए लंबा अर्सा गुजर चुका है लेकिन इसके बावजूद उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों से निजात नहीं मिल पा रही है।
कर्मचारियों का कहना है कि सैप में सही डाटा अपलोड न होना भी गलत बिल बनने का एक कारण है। विभाग ने लाखों रुपए खर्च करके सैप सिस्टम अपनाया था, जिसके बाद ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि मैनुअल में होने वाली गड़बड़ी खत्म होगी और उपभोक्ताओं को दिक्कतें पेश नहीं आएंगी लेकिन इसके विपरीत इस नए सैप सिस्टम के जरिए जो बिल बन रहे हैं उनमें कई उपभोक्ताओं को माइनस में बिल मिल रहे हैं तो कइयों को लाखों रुपए का गलत बिल मिल रहा है। ईस्ट व कैंट डिवीजन सहित विभिन्न इलाकों के उपभोक्ता बताते हैं कि किसी का बिल 2 रुपए तो किसी का बिल 4 से 10 रुपए और किसी का माइनस में आया है।
उपभोक्ता बताते हैं कि पावर निगम कर्मचारी इसे सैप सिस्टम की खराबी बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं लेकिन पब्लिक को होने वाली परेशानी के प्रति अधिकारी स्टैंड नहीं ले रहे, जिसके कारण लोगों की परेशानी का हल नहीं हो पा रहा है। नाम न छापने की सूरत में विभागीय कर्मचारी बताते हैं कि पावर निगम द्वारा लगाया गया नया सैप सिस्टम शुरू से ही ठीक ढंग से कार्य नहीं कर रहा, जिसके चलते उपभोक्ताओं को एवरेज के हिसाब से व गलत बिल मिल रहे हैं, इसी कारण से विभाग को वित्तीय नुक्सान भी उठाना पड़ता है। बताया जाता है कि सैप का डाटा अपडेट न होने के चलते गलत बिल बन जाता है, जिसके कारण उपभोक्ता व मीटर रीडरों के बीच तनाव की स्थिति बन जाती है। पिछले समय के दौरान देखने में आया है कि जिन उपभोक्ताओं का बिल कभी 5 हजार भी नहीं आया उन्हें सैप की खराबी की वजह से लाखों रुपए का बिल प्राप्त हुआ है।