Edited By Updated: 21 Jan, 2017 02:06 PM
पंजाब में 3 व 4 फरवरी को होने वाले चुनावों में तैनात कर्मचारियों के लिए सरकारी स्कूलों के अध्यापक तथा स्कूल प्रमुख परांठे व चाय बनवाते नजर आएंगे।
अमृतसर(दलजीत): पंजाब में 3 व 4 फरवरी को होने वाले चुनावों में तैनात कर्मचारियों के लिए सरकारी स्कूलों के अध्यापक तथा स्कूल प्रमुख परांठे व चाय बनवाते नजर आएंगे। चुनाव कमिशन द्वारा अध्यापकों को चुनाव में तैनात कर्मचारियों के लिए 3 समय चाय, सुबह परांठे, दोपहर व रात का खाना तैयार करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि खाने में कोई लापरवाही की गई या कर्मचारियों को खाना समय पर न मिला तो संबंधित स्कूल प्रमुख तथा ब्लाक शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई भी की जाएगी। इस संबंध में कमिशन ने जिला चुनाव अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
पंजाब में पहले होने वाले चुनावों में कर्मचारियों के लिए खाना राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा बनवाया जाता था। इस दौरान कई कर्मचारियों को खाना ठंडा व खराब भी मिलता था। कई बार चुनाव में तैनात कर्मचारियों ने खाने की शिकायत भी की। चुनाव कमिशन ने इस बार सरकारी स्कूलों में कार्यरत मिड-डे मील वर्करों से खाना बनवाने के लिए योजना बनाई है। योजना के तहत स्कूल का अध्यापक मिड-डे मील वर्करों को खाने का सामान लाकर देगा व अध्यापक तथा स्कूल प्रमुख उस खाने की गुणवत्ता का ध्यान रखेंगे। मिड-डे मील वर्कर की जिम्मेदारी होगी कि संबंधित पोलिंग स्टाफ को संख्यानुसार खाना मिल सके।
स्कूल के विद्यार्थियों की नहीं ली जाएगी मदद
चुनावों में तैनात कर्मचारियों के लिए सरकारी स्कूलों में खाना बनाते समय मिड-डे मील वर्कर या स्कूल प्रशासन विद्यार्थियों की सहायता नहीं लेगा। निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि खाना बनाने में किसी भी हालत में विद्यार्थियों को शामिल न किया जाए।
अध्यापक व स्कूल प्रमुख करेंगे देख-रेख
चुनाव कमिशन द्वारा निर्धारित किए गए खाने का सामान अध्यापक तथा स्कूल प्रमुख मिड-डे मील वर्करों को उपलब्ध करवाएंगे। इसके उपरांत खाने की गुणवत्ता आदि मापदंड देखने के लिए वे देख-रेख करेंगे। स्पष्ट किया गया है कि यदि खाने की गुणवत्ता ठीक न हुई या खाना समय पर न पहुंचा तो स्कूल प्रमुख व ब्लाक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उनके ऊपर इस हालत में कार्रवाई की जा सकती है।
यह होगा खाने में शामिल
चुनाव कर्मियों को सुबह स्टफ परांठा, दही, दोपहर व रात में दाल, सब्जी, सलाद व 4 रोटियां मिलेंगी। इसके अलावा कर्मचारियों को 3 टाइम गर्मागर्म चाय दी जाएगी। कमिशन ने चाय का प्रति कप 7 रुपए, परांठा 10 रुपए, दही 10 रुपए, खाने की थाली के 60 रुपए की रेट लिस्ट निर्धारित की है। सभी जिले के चुनाव अधिकारियों को उक्त रेट लिस्ट भेज दी गई है।
मिड-डे मील वर्कर करवाएंगे खाना उपलब्ध
मिड-डे मील वर्कर पोङ्क्षलग बूथों पर तैनात कर्मचारियों की मांग के अनुसार खाने का सामान उपलब्ध करवाने का प्रबंध करेंगे। खाने की डिमांड मिड-डे मील वर्कर द्वारा संबंधित स्टाफ से 3 फरवरी को ही ले ली जाएगी। हाजिरी रिपोर्ट के अनुसार ही 2 दिन खाना वर्करों द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा।
हर बार पंजाब में होने वाले चुनावों में अध्यापकों की बड़े स्तर पर ड्यूटी लगाई जाती है। इस बार पोङ्क्षलग स्टाफ के लिए बनने वाले खाने पर प्रमुखों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रशासन को शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के अलावा अन्य किसी विभाग के कर्मचारियों ही नहीं दिखाई देते, बाकी विभागों में भी तो कर्मचारी है, उनकी क्यों नहीं ड्यूटी लगाई जाती। -प्रभजिंद्र सिंह, प्रधान मास्टर कैडर यूनियन।
स्कूल प्रमुख व ब्लाक शिक्षा अधिकारियों की अधिकांशत: चुनावों में ड्यूटी लगती हैं। वे इतने बड़े स्तर पर किस प्रकार मिड-डे मील की जिम्मेदारी उठा पाएंगे। कमिशन को अन्य विभागों में आराम फरमा रहे कर्मचारियों से भी काम लेना चाहिए। अकेला शिक्षा विभाग पर ही काम का ज्यादा बोझ नहीं डालना चाहिए। -अश्विनी अवस्थी, प्रधान डैमोक्रेटिक टीचर फ्रंट पंजाब।
पोलिंग स्टाफ को खाना उपलब्ध कराने का कार्य प्रशंसनीय है। चुनाव कमिशन को अध्यापकों व स्कूल प्रमुखों को संबंधित खाने के लिए जिम्मेदार ठहराना नहीं चाहिए। रात या सुबह के समय मिड-डे मील वर्कर खाना बनाने के लिए स्कूलों में किस प्रकार आएंगे। मिड-डे मील वर्करों की सुरक्षा भी यकीनी होनी चाहिए व ऐसे प्रबंध किए जाने चाहिए कि वर्करों को समय पर मेहनताना मिले। -बलकार सिंह वल्टोहा, महासचिव गवर्नमैंट स्कूल टीचर यूनियन।